मुम्बई: पात्रा चॉल घोटाला मामले की गवाह स्वप्ना पाटकर को दुष्कर्म की धमकी

गोरेगांव के पात्रा चॉल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की गवाह स्वप्ना पाटकर ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अतिरिक्त निदेशक (पश्चिमी क्षेत्र) को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि मामले की जांच के दौरान उनके द्वारा दिए गए बयानों को बदलने के लिए उन्हें दुष्कर्म एवं जान से मारने की धमकी दी गई। इस मामले में शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत भी एक आरोपित हैं।

ईडी को लिखे पत्र में पाटकर ने कहा है कि मैं आपके संज्ञान में लाना चाहती हूं कि मामले के आरोपी और उसके गुंडे लगातार मुझे धमकाने में लगे हैं और अन्य लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं। मुझे लगातार धमकाया जा रहा है। जांच के दौरान दिए गए अपने बयानों को बदलने के लिए कहा जा रहा है और दबाव डाला जा रहा है।

कांच की बोतल टूटने की आवाज सुनाई दी

इससे पहले भी स्वप्ना पाटकर ने मुंबई के वकोला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि बुधवार को किसी ने उनके आवास परिसर में एक बोतल फेंकी थी और उस बोतल में एक पत्र मिला था, जिसमें उन्हें अदालत में अपनी आवाज उठाने के खिलाफ धमकी दी गई थी।

शिकायत के अनुसार बुधवार रात करीब एक बजे उन्हें अपने घर के परिसर में कांच की बोतल टूटने की आवाज सुनाई दी। सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ करने पर उन्हें पता चला कि बोतल के अंदर मराठी में एक पत्र था।

बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत इस मामले में कथित आरोपित हैं। 28 जून 2022 को ईडी ने 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की रोकथाम के सिलसिले में राउत को तलब किया था।

वायदे के अनुसार घर नहीं दिए

मुंबई के पश्चिमी उपनगर गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर क्षेत्र में स्थित पात्रा चॉल का 2008 में पुनर्विकास शुरू किया गया था। लेकिन 47 एकड़ में फैली इस चॉल इसमें रहनेवाले सैकड़ों निवासियों को वायदे के अनुसार घर नहीं दिए गए। समझौते के अनुसार, डेवलपर को 672 किरायेदारों को फ्लैट उपलब्ध कराने थे और म्हाडा के लिए फ्लैट विकसित करने थे। उसके बाद डेवलपर को शेष क्षेत्र बेचना था। निर्माता कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के निदेशकों ने म्हाडा को गुमराह किया और इस क्षेत्र की एफएसआई नौ डेवलपर्स को बेच दी और शुद्ध लाभ अर्जित किया, लेकिन किरायेदारों को घर नहीं दिए गए।

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