माउंट एवरेस्ट बना कूड़े का ढेर! हटाया गया 11 टन कचरा, साथ ही मिली ऐसी चीजें

एक वक्त था कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतेह करने वाले का इतना नाम होता था कि उसे सिर्फ व्यक्ति के ही देश में नहीं, बल्कि दुनिया में बहुत तारीफें मिलती थीं. इसी वजह से बछेंद्री पाल, अवतार सिंह चीमा, एडमंड हिलरी और टेंग्जिंग नॉर्गे जैसे लोगों का नाम आज भी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest 11 tonne rubbish removed) की ऊंचाइयों से गूंजता है. पर अब इस पहाड़ को भी टूरिस्ट स्पॉट बना दिया गया है. इस वजह से आए दिन लोग इसपर चढ़ते हैं. यही कारण है कि माउंट एवरेस्ट कूड़े का ढेर बन गया है. हाल ही में नेपाली आर्मी ने माउंट एवरेस्ट की सफाई की. उन्होंने माउंट एवरेस्ट समेत हिमालय की अन्य 2 चोटियों से 11 टन कूड़ा हटाया. साथ ही जो चीजें मिलीं, वो देखकर तो उनके होश ही उड़ गए.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार नेपाली आर्मी (Nepal Army remove waste from Mount Everest) ने हाल ही में दावा किया है उन्होंने माउंट एवरेस्ट से 11 टन कूड़ा हटाया है. इसके साथ ही उन्हें 4 लाशें मिलीं और 1 कंकाल भी, जिसे वहां से कूड़े के साथ हटाया गया है. हिमालय की दो अन्य चोटियों को भी साफ किया गया है. आर्मी को माउंट एवरेस्ट, नुपसे और लोहसे जैसी चोटियों से कूड़ा हटाने में 55 दिनों का वक्त लग गया. अंदाजा लगाया जा रहा है कि माउंट एवरेस्ट पर 50 टन कूड़ा, और 200 से ज्यादा लाशें मौजूद हैं.

सबसे ऊंचा डंपिंग क्षेत्र
आर्मी ने सालाना होने वाली सफाई को अंजाम दिया. साल 2019 में माउंट एवरेस्ट को दुनिया का सबसे ऊंचा कचरे का डंपिंग स्थल माना गया था क्योंकि पहाड़ पर भीड़ ज्यादा बढ़ रही थी. 5 सफाई कार्यक्रमों के बाद आर्मी का दावा है कि उन्होंने 119 टन कूड़ा, 14 इंसानी लाशें और कुछ कंकाल बरामद किए हैं. इस साल प्रशासन माउंट एवरेस्ट से कूड़े को कम करना चाहती है, ऐसे में कुछ वक्त पहले उन्होंने नियम बनाया था कि जो लोग भी पर्वत पर चढ़ने जाएं, वो अपने साथ अपने मल को वापिस लेते आएं.

इस साल कम थे पर्वतारोही
वसंत के क्लाइंबिंग सीजन का अंत मई में हुआ है. सरकार ने 421 लोगों को पहाड़ पर चढ़ने की इजाजत दी थी. पिछले साल 478 लोग इस पहाड़ पर चढ़े थे. इसमें नेपाली गाइडों की संख्या नहीं शामिल की गई है. उनका भी आंकड़ा जोड़ा जाए तो करीब 600 लोग इस साल माउंट एवरेस्ट पर चढ़े हैं. इस साल 8 पर्वतारोहियों की या तो मौत हो गई, या फिर वो लापता हो गए. पिछले साल ये संख्या 19 थी.

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