एमपी की महिला गैंग दिल्ली में अपने कारनामें को देती थी अंजाम, पुलिस ने किया गिरफ्तार


उसकी मदद से जनक कॉम्पलेक्स में इंडियन बैंक के सुरक्षा गार्ड एवं प्रहरी ने आरोपियों को पहचान कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दोनों को मौके से दबोच लिया। पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि वह पचोर गैंग का हिस्सा हैं और कई वारदातों को अंजाम देकर उनका गैंग वापस मध्य प्रदेश भाग जाता है। पुलिस गैंग की बाकी महिलाओं की तलाश कर रही है।
पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने बताया कि, 21 अगस्त को जनकपुरी इलाके में कारोबारी अनिल अग्रवाल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 50 हजार रुपये निकालने गए थे। बैंक में दोनों महिलाएं पहले से मौजूद थीं। एक महिला ने बच्चे को गोद में लिया हुआ था। जैसे ही अनिल रुपये लेकर बैंक से चले बच्चा लिए महिला ने अनिल का ध्यान बंटाया और दूसरी महिला ने उसके बैग से रुपये निकाल लिए। वारदात के बाद अनिल की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने महिलाओं के फोटो निकलवाकर उन्हें प्रहरी व बैंकों के बाहर गार्ड्स को दे दिए।
इधर, जनकपुरी थाने के प्रहरी एवं बैंक के सुरक्षा गार्ड बृजेश कुमार ने शुक्रवार को देखा कि आरोपी महिलाएं जनक कॉम्पलेक्स के पास मौजूद हैं। उसने तुरंत मामले की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी महिला ललिता और रचना को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान दोनों ने वारदात में अपना हाथ होने की बात को कबूल कर लिया। दोनों ने बताया कि राजगढ़ के कई गांवों में इसी तरह वारदात को अंजाम देने वाले परिवार रहते हैं। खासकर महिलाएं वारदात को अंजाम देने दिल्ली आती हैं और मोटा सामान इकट्ठा कर यह लोग वापस चले जाते हैं। पुलिस दोनों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।