एमपी: यूट्यूब और टीवी से खेती करना सीखा, अब लखपति बन गई भागवंती देवी
वर्ष 2004 की बात है। हफ्ते में एक बार दूरदर्शन पर खेती-किसानी का प्रोग्राम आता था। इसमें एक्सपर्ट आधुनिक तरीके से खेती के बारे में जानकारी देते थे। इसी कार्यक्रम में कटहल की खेती के बारे में पता चला। यहीं से मैंने खेती के नए-नए तरीके सीखे यह बात उज्जैन के हामूखेड़ी में रहने वाली 70 वर्ष की भागवंती देवी ने कही और बताया कि किस तरह वे यूट्यूब और टीवी से खेती करना सीख लखपति बन गई है।
भागवंती देवी पति स्व. चैनसिंह ने बताया कि पहले पारंपरिक खेती करती थी। जिसमें गेहूं और चने की फसल लगाती थी। इससे खास आमदनी नहीं होती थी। दो बीघा जमीन में 70 हजार रुपए तक सालाना मुनाफा हो जाता था। जिसमें गुजारा कर पाना काफी मुश्किल होता था, फिर उन्होंने धीरे-धीरे सभी खेती चालु की है। भागवंती देवी अपने फार्म पर कई तरह के यूनिक फॉर्मिंग कर रही है।
हामुखेड़ी गांव के शिवाश्रय कृषि फार्म की महिला किसान भागवंती देवी ने बताया इस पूरे कार्य मे उनके परिवार मदद करता है। साथ ही कुछ साल से खेत के कुछ हिस्से में कटहल के पौधे लगाने शुरू किए। 5-6 साल बाद फल अच्छे आने लगे। इनकम भी बढ़ने लगी, तो दक्षिण भारत के अलग-अलग राज्यों से और पौधे मंगवाकर लगाए। उस समय एक पौधा 50 से 100 रुपए का पड़ा थ। अभी एक पेड़ एक सीजन में 12 से 15 हजार की कमाई करवा रहा है। यह अंगूरी कटहल है, जो 12 से 15 किलो का होने पर भी पीला नहीं पड़ता है। इसके अलावा स्ट्रॉबेरी, चीकू, आम, संतरे, मौसंबी, अनार, नींबू, फूल भी लगाए हैं। सब्जियों की भी खेती कर रही हैं। इनमें लागत हटाकर पिछले 5 साल से करीब 5 लाख रुपए की हर साल कमाई हो रही है।
पीएम ने पसंद किए सुझाव
भागवंती देवी ने इतना ही नहीं खुद के साथ मे दूसरे के लिए भी प्रेरणा बनी। उन्होंने आसपास के तमाम लोगों को खेती के बहुत से हुनर सीखाए और 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की आय बढ़ाने के लिए पत्र लिखकर सुझाव दिए थे। प्रधानमंत्री को ये पसंद भी आए। उन्होंने लेटर भेजकर इस पर अमल के लिए भी कहा। भागवंती फिर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री को सुझाव देना चाहती हैं कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह उपाय कर सकते हैं।
सोशल मीडिया से सीखी सेब की खेती
उन्होंने बताया कि डिजिटल युग में जहां हर तरफ सोशल मीडिया या मोबाइल देखने को मिलते है। उसमें बहुत से अच्छी चीजे देखने को मिलती है। कुछ साल पहले नर्सरी से 4 पौधे लाकर लगाए थे। दो साल बाद फल आने शुरू हो गए थे। दो पेड़ों पर अभी भी सेब लगे हैं, जबकि तीन पेड़ से सेब तोड़कर बेच दिए हैं। सेब की खेती मोबाइल में यूट्यूब से सीखी थी।