एमपी : प्रदेश की सड़कें पहली बारिश में ही बदहाल
मध्य प्रदेश में पहली ही बारिश में सड़कें खस्ताहाल हो गई हैं। सड़कों पर जगह जगह गड्ढे हो गए हैं। हद तो यह है कि चार महीने पहले बनाई सड़कों से डामर गायब हो गया है। इसके चलते सड़क से पर गिट्टी और धूल के कारण राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 300 करोड़ रुपये की लागत से मरम्मत के बावजूद सड़कों का यह हाल है। मामले में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि हम सड़कों की स्थिति को लेकर जांच करा रहे हैं। वहीं, 22 अगस्त तक सभी सड़कों को ठीक भी कर दिया जाएगा। भोपाल की सड़कें जगह जगह गड्डे में तब्दील हो गई हैं। सड़कों पर धूल के गुबार उड़ रहे हैं। दो पहिया वाहन चालकों को सड़कों से उड़ रही धूल के कारण वाहन चलाना मुश्किल हो गया है। शहर में हर तरफ सड़कों के हालात ऐसे ही हैं। बारिश थमने के बाद सड़कों पर उड़ रही धूल से लोगों को परेशानी हो रही है। यह हालत तब है जबकि चार महीने पहले इन सड़कों की मरम्मत पर लाखों रुपये खर्च किए गए। अब जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा लगातार सड़कों की मरम्मत का काम किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग हर साल मरम्मत के नाम पर 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च करता है।
भोपाल में यह सड़कें बदहाल…
दो माह पहले बनी थी होशंगाबाद सड़क बदमाल है। बीआरटीएस को हटाने के बाद दो महीने पहले बनी सड़क टूट गई। इस पर जगह-जगह गड्ढे हो गए है। बाणगंगा चौराहे पर बारिश में सड़क बह गई और मोती मस्जिद के पास भी सड़क गड्डों में तब्दील हो गई है।
गुलमोहर से आकृति ईको सिटी रोड- इस चार किमी की सड़क के ऊपर की बारीक गिट्टी निकल आई है। बारिश बंद होने के बाद सड़क पर वाहनों के साथ धूल के गुबार उड़ रहे हैं। इससे दोपहिया वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
विट्टल मार्केट से सुभाष स्कूल- यहां सड़क के कुछ हिस्सा गड्ढे में तब्दील हो गया है। आगे सड़क के ऊपर बिछाई गिट्टी और डामर की परत उखड़ गई है। इससे वाहनों चालकों को वाहन चलाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
व्यापमं चौराहे से मंत्रालय- वीआईपी इलाके की सड़क पर भी एक तरफ पूरी सड़क की परत उखड़ गई है। इस पर आनफानन में जिम्मेदारों ने मरम्मत का काम कराया। इस तरह की स्थिति शहर के अलग-अलग इलाकों में बनी हुई है।
जिम्मेदार बोले- तीन प्रतिशत सड़कों में गड्ढे पाए गए
लोक निर्माण विभाग के ईएनसी आरके मेहरा मेहरा ने कहा कि हम सड़कों के जल्दी उखड़ने को लेकर जांच करा रहे हैं। इसके लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। हमने 22 अगस्त तक सभी सड़कों को ठीक करने की समय सीमा तय की है। मेहरा ने बताया कि हाल ही में भोपाल शहर के 14 मार्गों पर 22 किलोमीटर की लंबाई में लगभग 523 वर्गमीटर में गड्ढे पाए गए थे। इनमें से छह सड़कों की मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया गया है, और शेष सड़कों में भी मरम्मत कार्य शीघ्र पूरा किया जाएगा। छह अगस्त को अधीक्षण यंत्री मंडल भोपाल द्वारा इन सड़कों का निरीक्षण किया गया था, जिसमें वर्षा ऋतु के कारण शहर की लगभग तीन प्रतिशत सड़कों में गड्ढे पाए गए थे। इनमें से अधिकांश की मरम्मत कर दी गई है।
400 किलोमीटर सड़के परफॉर्मेंस गारंटी में
भोपाल शहर में लोक निर्माण विभाग के अधीन कुल 573 किलोमीटर सड़कें हैं, जिनमें से 400 किलोमीटर सड़कें परफॉर्मेंस गारंटी के अंतर्गत आती हैं और 173 किलोमीटर सड़कें साधारण मरम्मत के अंतर्गत आती हैं। वर्षा ऋतु के दौरान शहर में डामर की सतह क्षतिग्रस्त हो जाती है। उसकी मरम्मत की जा रही है। वहीं, प्रदेश में कुल 81,000 किलोमीटर सड़कों का नेटवर्क है। इसमें 9,315 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग, 12,568 किलोमीटर स्टेट हाईवे, 25,420 किलोमीटर मुख्य जिला मार्ग और 33,697 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें शामिल हैं।
पीडब्ल्यूडी की यह है योजना
विभाग ने नवीन तकनीकों का उपयोग कर लगभग 600 किलोमीटर की सड़कों का विस्तृत रखरखाव किया है, जिनमें जेट पेचर, वेलोसिटी पेचर और इन्फ्रारेड तकनीक शामिल हैं। भविष्य में शहरी मार्गों को बार-बार क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए व्हाइट टॉपिंग तकनीक का उपयोग करने की योजना है। अधिक क्षतिग्रस्त स्थानों पर 100 एमएम पेव्हर ब्लॉक का उपयोग कर मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के इन प्रयासों से प्रदेश की सड़कों की स्थिति में सुधार आएगा और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। विभाग का यह कदम सड़कों की सुरक्षा और यातायात की सुगमता में महत्वपूर्ण योगदान देगा, जिससे प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में भी सुधार होगा।