एमपी: आतंकी हमले या युद्ध में दिव्यांग होने पर सैनिकों को प्रदेश सरकार 1 करोड़ रुपए तक की मदद देगी…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने  मंगलवार को मंत्रालय में राज्य सैनिक बोर्ड की 20वीं बैठक ली। बैठक में सैनिकों और सैनिक परिवारों के लिए सरकार कई अहम निर्णय लिए। इनमें  युद्ध या सैनिक कार्यवाही में दिव्यांग होने पर दी जाने वाली राशि 10 लाख से बढ़ाकर दिव्यांगता प्रतिशत के आधार पर एक करोड़ रूपए तक करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही  शहीद के माता-पिता को मिलने वाले मासिक अनुदान को दोगुना करने, शहीद और दिव्यांग सैनिकों की बहन और बेटी के विवाह के लिए 10 हजार के स्थान पर 51 हजार की राशि देने, सैनिक परिवार के मध्यप्रदेश निवासी माता-पिता जिनकी पुत्री सशस्त्र सेना में हो उन्हें भी प्रतिवर्ष 10 हजार के स्थान पर दोगुनी सम्मान निधि देने के निर्णय लिए गए। साथ ही  शहीदों के माता-पिता को पांच हजार रूपए प्रतिमाह अनुदान को बढ़ाकर दस हजार रूपए प्रतिमाह करने का निणर्य लिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र रक्षा के लिए शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को शासन से दी जाने वाली आर्थिक सहायता निश्चित समय में प्रदान की जाएगी। सेना द्वारा गठित बोर्ड से सैनिकों के युद्ध या युद्ध के लिए जाते हुए और अन्य कारणों से हादसों में शहादत पर स्वीकृत प्रकरणों में प्रत्येक शहीद सैनिक के परिवार को मध्यप्रदेश सरकार एक करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों का कल्याण, उनके परिवार के हितों का संरक्षण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। 

स्थापना दिवस पर होगा नो अवर आर्मी 
मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस एक नवम्बर पर सेना द्वारा विशेष शो “नो अवर आर्मी “(know our Army) आयोजित करने के निर्देश दिए। साथ ही राजधानी भोपाल में वायुसेना द्वारा एयर-शो के लिए भी तिथि निर्धारित करने के निर्देश दिए गए।  बैठक की शुरूआत में राज्य सैनिक बोर्ड की वर्ष 2018 में हुई 19वीं बैठक में लिए गए निर्णयों का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मध्यप्रदेश निवासी शौर्य अलंकरण एवं विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को दी जाने वाली राशि में शासन द्वारा 30 मार्च 2023 को आदेश जारी कर वृध्दि की गई है। सैनिक विश्राम गृह बैतूल का निर्माण कार्य भी पूरा किया जा चुका है। मध्यप्रदेश में करीब 70 हजार भूतपूर्व सैनिक, 30 हजार वर्तमान सैनिकों के साथ ही सैनिक परिवारों के सदस्यों की संख्या मिलाकर लगभग 4 लाख लोग निवास कर रहे हैं। प्रदेश में 24 जिला सैनिक कार्यालय कार्यरत हैं। सैनिकों की रहवास सुविधा के लिए 17 आराम गृह भी संचालित हैं।

यह निर्णय भी लिए गए 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहीद सैनिकों के आश्रितों को एक करोड़ रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान करने का आवश्यक शासनादेश जारी करने, युद्ध/सैनिक कार्रवाई में सेना द्वारा घोषित बैटल कैज्युल्टी की मान्यता को आधार मानकर राज्य सहायता देने, गन लाइसेंस में समय-सीमा का अनिवार्यतः पालन सुनिश्चित करने तथा लाइसेंस नवीनीकरण नि:शुल्क करने के लिए परीक्षण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने द्वितीय विश्व युद्ध के नान पेंशनर्स पूर्व सैनिकों एवं विधवाओं की मासिक सहायता राशि आठ हजार से बढ़ाकर 15 हजार करने, शहडोल में जिला सैनिक विश्राम गृह एवं कल्याण कार्यालय निर्माण के संबंध में भी परीक्षण के उपरांत आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।

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