एमपी: संपत्ति विवाद में उलझे नगर निगम के प्राईवेट इंजीनियर और वक्फ दरगाह कमेटी

बुरहानपुर नगर के सिंधीबस्ती चौराहा के समीप स्थित वक्फ की जमीन पर बनी हजरत नजीर मियां चिश्ती की दरगाह प्रबंधन कमेटी और नगर निगम के प्राईवेट इंजीनियर्स यहां की प्राइम लोकेशन की एक संपत्ति को लेकर अब आमने सामने नजर आ रहे हैं । दरअसल शहर के प्राईवेट इंजीनियर सुधीर पारीख को नगर निगम से आवंटित एक संपत्ति पर वक्फ दरगाह कमेटी ने भी अपना दावा ठोंक दिया है। इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद से इंजीनियर पारिख की गैर मौजूदगी में कुछ अनजान लोगों ने इन विवादित दुकानों पर अपना ताला लगा दिया। हालांकि इसको लेकर इंजीनियर पारिख ने जिला प्रशासन को शिकायत भी दर्ज करवाई है। जिसके बाद जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच बुरहानपुर तहसीलदार रामलाल पगारे को सौंपी है।

बुराहनपुर के सिंधी कालोनी क्षेत्र में वक्फ सम्पत्ति विवाद में जांच कर रहे तहसीलदार रामलाल पगारे ने मौके पर पहुंचकर दोनों ही पक्षों से चर्चा की है। साथ ही विवादित वक्फ की संपत्ति का निरीक्षण भी किया है। बता दें कि नगर निगम द्वारा एक इंजीनियर को दी गई यह दुकान दरगाह कमेटी के नजदीक है।  दरगाह कमेटी का दावा है कि यह संपत्ति दरगाह कमेटी की है, लेकिन दूसरी ओर इंजीनियर सुधीर पारीख का कहना है कि यह संपत्ति उन्हें नगर निगम ने दी है, जिसका उनके पास पूरा दस्तावेजी प्रमाण है।

हालांकि दोनों पक्षों से चर्चा करने के बाद इस मामले में मौके पर निरीक्षण करने गए तहसीलदार रामलाल पगारे ने संकेत दिया है कि दस्तावेजों के अनुसार यह संपत्ति प्राईवेट इंजीनियर सुधीर पारीख की प्रतीत हो रही है, लेकिन दरगाह कमेटी भी इससे जुड़े दस्तावेज होने का दावा कर रही है और इंजीनियर की रजिस्ट्री को शून्य घोषित किये जाने की मांग कर रही है। लेकिन इंजीनियर के पास इस संपत्ति की जो रजिस्ट्री है, उसे शून्य करने का अधिकार न्यायालय का है। इधर दरगाह कमेटी के उपाध्यक्ष सैय्यद मुस्तफा अली सागर का कहना है कि स्थानीय प्रशासन से उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे इस संपत्ति को कानूनी रूप से दरगाह कमेटी की मिल्कियत साबित करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और उन्हें पूरा भरोसा है कि अदालत से दस्तावेजों के आधार पर उन्हें न्याय मिलेगा।

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