एमपी: गूगल सर्च की तरह मंत्रालय में अब एक कमांड पर मिलेंगे पुराने आदेश

मध्य प्रदेश सरकार एक जनवरी से मंत्रालय में ई-ऑफिस प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इसके साथ ही अब मंत्रालय में अब सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त विभाग समेत अन्य विभागों के पुराने आदेशों का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। इन्हें मंत्रालय के लिए गूगल सर्च की तर्ज पर डेवलअप सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर का एक्सेस मंत्रालय के अधिकारियों के पास रहेगा। इस सॉफ्टवेयर में किसी भी डॉक्यूमेंट से संबंधित कुछ नाम या जानकारी लिखकर कमांड देनी होगी। इसके बाद उससे संबंधित आदेश/ सर्कुलर स्क्रीन पर आ जाएंगे। इससे समय की बचत के साथ ही तुरंत फैसले लेने में मदद मिलेगी। पुराने दस्तावेजों की डिजिटाइजेशन से सरकारी कार्यालयों में आधुनिकता और दक्षता बढ़ेगी। इससे सरकार के कामकाज में पारदर्शिता आएंगी। 

20 हजार दस्तावेज स्कैन हो चुके 

सामान्य प्रशासन विभााग के अब तक 20 हजार से ज्यादा दस्तावेज स्कैन हो चुके हैं। दरअसल, अधिकतर सेवाओं और नियम शर्तों से संबंधित आदेश और सर्कुलर सामान्य प्रशासन विभाग और वित्त विभाग निकालते हैं। अभी वित्त विभाग के आदेश स्कैन होना है। इसके अलावा दूसरे विभाग भी अपने विभाग से संबंधित आदेश और जरूरी निर्देशों को स्कैन कर अपडोल करना चाहते हैं तो उसकी प्रक्रिया कर सकेंगे। 

समय की होगी बचत 

जीएडी कर्मचारियों से संबंधित आदेश और सर्कुलर समय समय पर जारी करता रहता है। ऐसे में किसी नए निर्णय से पहले उन आदेशों को पढ़ना जरूरी होता है। इन फाइलों की खोजबीन के लिए अधिकारियों को बाबुओं पर निर्भर रहना पड़ता है। इसमें कई बार समय भी लगता है। अब  डिजिटाइज्ड डॉक्यूमेंट्स को तुरंत एक्सेस किया जा सकेगा। इससे समय की भी बचत होगी। 

दस्तावेजों को सुरक्षित रखना होगा आसन

नई तकनीक से पुराने से पुराने डॉक्यमेंट को सुरक्षित रखा जा सकेगा। इस नई प्रक्रिया में डिजिटल आर्काइविंग के माध्यम से दस्तावेजों को सुरक्षित रखना भी आसान होगा। आग लगने की घटना, किसी प्रकार से दस्तावेजों की अदला-बदली और गुम होने जैसी समस्याएं खत्म होंगी। इससे भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। 

निर्णय लेने में होगी आसानी 

सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने कहा कि जीएडी के 20 हजार दस्तावेजों को स्कैन कर लिया गया है। यह कदम हमारे प्रशासन को पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाएगा। इससे दस्तावेजों तक आसान पहुंच होगी साथ ही निर्णय लेने में आसानी होगी।

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