मासिक दुर्गाष्टमी पर जरूर करें माता रानी की यह आरती

पंचांग के अनुसार हर माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durgashtami 2025 vrat) का व्रत किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता रानी के निमित्त व्रत और पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही साधक को सुख समृद्धी और शक्ति का आशीर्वाद भी मिलता है।

हर माह में आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन सच्चे मन से आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से साधक के जीवन में आ रही हर प्रकार की बाधा दूर हो सकती है। ऐसे में मासिक दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के दौरान आरती भी जरूर करनी चाहिए। तो चलिए पढ़ते हैं मां दुर्गा की आरती।

मासिक दुर्गाष्टमी तिथि (Masik Durgashtami 2025 Tithi)
पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 06 जनवरी 2025 को शाम 06 बजकर 23 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही, अष्टमी तिथि का समापन 07 जनवरी को दोपहर 04 बजकर 26 मिनट पर होने जा रहा है। मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा मध्य रात्रि में करने का विधान है। ऐसे में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत आज यानी मंगलवार, 07 जनवरी को किया जा रहा है।

अम्बे जी की आरती (Durga Ji Ki Aarti)
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥
तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

कोई भी पूजा बिना आरती के अधूरी मानी जाती है। ऐसे में मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा के दौरान पूरे परिवार के साथ उनकी आरती भी जरूर करनी चाहिए। इससे माता रानी आपके पूरे परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं।

माँ-बेटे का है इस जग मे बड़ा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करुणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखडे निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगे तेरे मन में छोटा सा कोना॥
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगे तेरे मन में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को सवांरती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

माता रानी की कृपा के लिए मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत एक बेहतर उपाय है। यदि आप नियमित रूप से मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत करते हैं, तो इससे आपको दुर्गा जी की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं।

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

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