मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप: दिल्ली में पिछले वर्ष डेंगू में कमी
वर्ष 2024 में डेंगू के 6349 मामले दर्ज किए गए, जो वर्ष 2023 की तुलना में 2917 कम हैं। वर्ष 2023 में डेंगू के 9266 मामले सामने आए थे। हालांकि, डेंगू से आठ लोगों की जान चली गई, जिससे बीमारी की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
राजधानी में पिछले वर्ष मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप चिंताजनक स्तर पर रहा। 2024 में डेंगू के मामलों में करीब 30 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई, लेकिन चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों में भारी वृद्धि हुई। चिकनगुनिया के मामलों में 400 प्रतिशत से अधिक और मलेरिया में 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह आंकड़े पिछले पांच वर्षों में इन बीमारियों के सबसे अधिक स्तर को दर्शाते हैं। गत वर्ष डेंगू से आठ लोगों की मौत हो गई थी।
डेंगू के मामलों में कमी लेकिन मौतें बरकरार
वर्ष 2024 में डेंगू के 6349 मामले दर्ज किए गए, जो वर्ष 2023 की तुलना में 2917 कम हैं। वर्ष 2023 में डेंगू के 9266 मामले सामने आए थे। हालांकि, डेंगू से आठ लोगों की जान चली गई, जिससे बीमारी की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। डेंगू के सबसे अधिक मामले अक्तूबर में दर्ज किए गए, जब 2431 मरीज सामने आए। वहीं, सबसे कम 24 मामले मार्च में दर्ज किए गए। एमसीडी के आंकड़ों के मुताबिक, नजफगढ़ जोन में डेंगू का प्रकोप सबसे अधिक रहा, जहां 822 मामले सामने आए। नरेला जोन में यह संख्या सबसे कम 276 रही।
चिकनगुनिया में चार गुना वृद्धि
चिकनगुनिया के 265 मामले 2024 में दर्ज किए गए, जबकि 2023 में केवल 65 मामले सामने आए थे। यह वृद्धि 400 प्रतिशत से अधिक है। सबसे अधिक 120 मामले शाहदरा उत्तरी जोन में दर्ज हुए, जबकि नरेला जोन में केवल तीन मामले दर्ज किए गए। पिछले वर्षों की तुलना में यह संख्या काफी अधिक है। 2022 में चिकनगुनिया के 48, 2021 में 89 और 2020 में 111 मामले दर्ज हुए थे।
मलेरिया के मामलों में बड़ा उछाल
मलेरिया के 788 मामले 2024 में सामने आए, जो 2023 के 426 मामलों की तुलना में 43 प्रतिशत अधिक हैं। यह संख्या 2020 से अब तक के सबसे अधिक स्तर पर पहुंच गई है। सिटी-एसपी जोन में मलेरिया के सबसे अधिक 121 मामले दर्ज हुए, जबकि केशवपुरम जोन में यह संख्या केवल 26 रही।