धन-संपदा में होगी वृद्धि, जाग उठेगा सोया हुआ भाग्य

अक्षय तृतीया का दिन हर मायने में शुभ होता है। इस शुभ अवसर का इंतजार लोग बेसब्री के साथ करते हैं, क्योंकि यह दिन पूजा-पाठ और अन्य शुभ कार्यों के लिए बहुत फलदायी होता है। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस दिन श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं उन्हें भौतिक सुखों का वरदान मिलता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह दिन भगवान कृष्ण की पूजा के लिए भी बहुत खास है, तो आइए उनकी पूजा विधि व पूजन सामग्री के बारे में जानते हैं –

अक्षय तृतीया पर भगवान श्रीकृष्ण की करें विशेष पूजा
साधक ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र स्नान करें।
इसके बाद अपने घर व मंदिर को अच्छी तरह साफ करें।
एक वेदी पर श्रीकृष्ण और राधा रानी की प्रतिमा स्थापित करें।
पंचामृत से स्नान करवाएं।
उन्हें पीले वस्त्र अर्पित करें।
पीले फूलों की माला चढ़ाएं।
गोपी चंदन व हल्दी, कुमकुम आदि का तिलक लगाएं।
श्रीकृष्ण के समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं।
मक्खन और मिश्री का भोग लगाएं।
भोग में तुलसीपत्र अवश्य शामिल करें।
कपूर और धूप से आरती करें।
कृष्ण जी का ध्यान करें।
शंखनाद पूजा समापन के बाद करें।
किसी महिला का अपमान न करें।
तामसिक चीजों का उपयोग न करें।
पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करें।

श्रीकृष्ण पूजन सामग्री
एक चौकी
पीला वस्त्र
भगवान कृष्ण की प्रतिमा
गोपी चंदन फूल
हल्दी
मोर का पंख
रोली
कुमकुम
मक्खन
मिश्री
तुलसीपत्र
दीपक
घी
बाती
कपूर
धूपबत्ती
गंगाजल
पवित्र जल
पंचामृत
पीली मिठाई
कृष्ण चालीसा

भगवान कृष्ण पूजा मंत्र
सच्चिदानंदरूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे।।
तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुम:।।
ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात।।

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