अभी अभी: मोदी कैबिनेट में शामिल हुए यूपी के ये दो दिग्गज, नाम सुनकर उड़े होश!

जी हाँ: अभी अभी: मोदी कैबिनेट में शामिल हुए यूपी के ये दो दिग्गज, नाम सुनकर उड़े होश!| लखनऊ. नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले 9 नए मंत्री सुबह 10.30 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ लेंगे। इन चेहरों में 2 यूपी के नेता भी शामिल हैं। शिव प्रताप शुक्ल और सत्यपाल सिंह गृहमंत्री राजनाथ सिंह के करीबी माने जाते हैं। इस तरह से ये कहा जा सकता है कि मोदी की नई कैबिनेट में यूपी से राजनाथ के करीबियों को तवज्जो दी गई है।
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जानिए UP से इन 2 नए चेहरों को क्यों चुना गया…
1) सत्यपाल सिंह (62)
कौन हैं:सत्यपाल सिंह जाट कम्युनिटी से आते हैं। संजीव बालियान के बाद वेस्ट यूपी में बीजेपी का प्रमुख चेहरा हैं। महाराष्ट्र कैडर में 1980 बैच के आईपीएस अफसर रहे। राजनीति में आने से पहले मुंबई पुलिस कमिश्नर थे। इस दौरान 1990 के दशक में मुबंई अंडरवर्ल्ड की कमर तोड़ने में अहम भूमिका निभाई थी। तब छोटा राजन, छोटा शकील और अरुण गवली गैंग का दबदबा था। 2014 लोकसभा इलेक्शन से पहले बीजेपी में शामिल हुए और बागपत से सांसद चुने गए।
क्यों चुने गए: एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल्स। मुंबई पुलिस के कमिश्नर रहे। ईमानदार इमेज। पश्चिमी यूपी में जाट समीकरण।
किससे नजदीकी:राजनाथ सिंह और अमित शाह।
2) शिव प्रताप शुक्ल (65)
कौन हैं:यूपी के सीनियर बीजेपी लीडर हैं। एक्सपीरियंस लीडर माने जाते हैं। यूपी में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। शिक्षा, ग्रामीण विकास और जेल सुधारों के लिए उठाए गए कदमों के लिए याद किए जाते हैं। इसके अलावा पार्टी से लंबे समय से जुड़े हैं। एबीवीपी और बीजेवाईएम के सदस्य रह चुके हैं। छात्र आंदोलन और इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए हैं।
क्यों चुने गए:यूपी में राजनाथ-कल्याण सरकार में मंत्री रहे। एजुकेशन और रूरल डेवलपमेंट पर पकड़।
किससे नजदीकी: राजनाथ सिंह के भरोसेमंद। ये हैं 7 अन्य नए मिनिस्टर्स के नाम
1)अश्विनी कुमार चौबे (बिहार)
2)वीरेंद्र कुमार (मध्य प्रदेश)
3)अनंत कुमार हेगड़े (कर्नाटक)
4)राजकुमार सिंह (बिहार)
5) हरदीप सिंह पुरी (डिप्लोमैट)
6)गजेंद्र सिंह शेखावत (राजस्थान)
7)अल्फोन्स कन्ननथानम (केरल)
अभी फेरबदल की 4 वजह
1) लोकसभा चुनाव: इसमें 20 महीने बचे हैं। इसके मद्देनजर बीजेपी, संघ और सरकार के रणनीतिकार फेरबदल में देरी नहीं चाहते। वे चाहते हैं कि सरकार और संगठन को नई टीम मिले, ताकि केंद्र अपने गवर्नेंस की रफ्तार बढ़ा सके और पार्टी संगठन अपनी चुनाव तैयारियों पर फोकस कर सके।
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2) 6 राज्यों के चुनाव: गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में अगले डेढ़ साल के अंदर चुनाव हैं। इसके मद्देनजर यह फॉर्मूला तय किया गया है कि जहां चुनाव हो गए हैं, उन राज्यों से मंत्री कम किए जाएं और चुनाव वाले नए चेहरे सरकार में शामिल किए जाएं।
3) परफॉर्मेंस: जिन मंत्रियों का परफॉर्मेंस ठीक नहीं रहा उनकी छंटनी हो सकती है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार ने अपने मंत्रियों के परफॉर्मेंस का ऑडिट कराया है। इसी ऑडिट रिपोर्ट के हिसाब से मंत्रियों को बदला जाएगा या उनकी छुट्टी की जाएगी।
4) संगठन:सरकार में कुछ चेहरे ऐसे हैं जो संगठन में अच्छा काम कर सकते हैं। ऐसे लोगों को संगठन में वापस भेजा जाएगा।
अभी ये हैं टॉप-5
सरकार में अभी टॉप-5 नेताओं में सीनियरिटी का क्रम इस तरह है- नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह, फॉरेन मिनिस्टर सुषमा स्वराज, डिफेंस-फाइनेंस-कार्पोरेट अफेयर्स मिनिस्टर अरुण जेटली, रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवेज मिनिस्टर नितिन गडकरी और रेलवे मिनिस्टर सुरेश प्रभु।
इन 4 मंत्रालयों को फुलटाइम मिनिस्टर की जरूरत
– डिफेंस: मनोहर पर्रिकर के गोवा के सीएम के रूप में लौटने के बाद अरुण जेटली के पास डिफेंस मिनिस्ट्री का एडिशनल जिम्मा है।
– पर्यावरण:राज्यसभा सदस्य अनिल माधव दवे का निधन होने के बाद एनवायर्नमेंट मिनिस्ट्री का एडिशनल चार्ज डॉ. हर्षवर्धन को दिया गया है। उनके पास पहले से साइंस एंड टेक्नोलॉजी और अर्थ साइंस मिनिस्ट्री है।
– शहरी विकास: एम वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री का जिम्मा नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपा गया, जो रूरल डेवलपमेंट मिनिस्टर भी हैं।
– सूचना-प्रसारण: नायडू के पास इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री का जिम्मा भी था, जो अभी स्मृति ईरानी काे दिया गया है। स्मृति कपड़ा मंत्री भी हैं।
अब तक कितने मंत्रियों का इस्तीफा ?
– राजीव प्रताप रूडी, उमा भारती, कलराज मिश्र, संजीव बालियान, महेंद्रनाथ पांडेय और निर्मला सीतारमण, फग्गन सिंह कुलस्ते और बंडारू दत्तात्रेय।
– रूडी ने इस्तीफे की बात कन्फर्म की है। पांडेय को यूपी बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। उमा भारती ने इस्तीफे के सवाल पर अभी कुछ नहीं कहा है।