मोदी-जिनपिंग मुलाक़ात का हुआ असर, सीमा पर चीन के सैनिकों की घुसपैठ में आई कमी

पिछले महीने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का असर अब भारत-चीन सरहद पर देखने को मिलने लगा है. सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं की मुलाकात के बाद भारत-चीन सीमा पर चीनी सुरक्षा बलों की घुसपैठ में कमी आई है.मोदी-जिनपिंग मुलाक़ात का हुआ असर, सीमा पर चीन के सैनिकों की घुसपैठ में आई कमी

सुरक्षा महकमे के सूत्रों के मुताबिक चीन की तरफ से घुसपैठ की कोशिश के बाद भारतीय सुरक्षा बलों के साथ भारत-चीन सीमा पर तनाव बहुत ज्यादा देखने को मिलता था, वह अब नहीं दिख रहा है. सूत्रों का कहना है कि भारत और चीन दोनों देशों के सुरक्षाबलों ने सीमा पर अपनी गश्ती को काफी कम कर दिया है. यानी भारत और चीन की तरफ से जो लॉन्ग रेंज पेट्रोलिंग (एलआरपी) या फिर शार्ट रेंज पेट्रोलिंग (एसआरपी) होती थी, उनकी संख्या में काफी कमी आई है.

मुलाकात से पहले की स्थिति

पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात से पहले चीन की भारत-चीन सरहद और डोकलाम में घुसपैठ काफी तेज थी, लेकिन अब इसमें कमी आई है. चीनी घुसपैठ को लेकर जो दस्तावेज ‘आजतक’ के पास मौजूद हैं उससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले इस साल कई बार भारत की सरहद में घुसपैठ की गई.

आंकड़े बताते हैं कि चीन ने पिछले महीने में भी भारतीय सरहद में ताबड़तोड़ घुसपैठ की थी. चीन ने लद्दाख के ट्रिक हाईटेक इलाके में 4 और 7 अप्रैल को दो बार घुसपैठ की कोशिश की. इसमें चीनी सैनिक करीब 5 से 7 किलोमीटर अंदर भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे. 11 और 13 अप्रैल को उत्तरी लद्दाख के दीक्षांत एरिया में चीन ने घुसपैठ की जिसमें चीन 19 किलोमीटर अंदर तक भारतीय सीमा क्षेत्र में घुस आया था.

आंकड़ों के मुताबिक चीनी सैनिक जीमने पेंगोंग लेक के इलाके में भी पिछले महीने यानी 6 और 8 अप्रैल को डेढ़ किलोमीटर से लेकर साढ़े 5 किलोमीटर तक गाड़ी के जरिए भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे. अरुणाचल का इलाका भी चीनी सैनिकों से पिछले महीने अछूता नहीं रहा. अरुणाचल के बिछु में चीन ने 8 अप्रैल को घुसपैठ की. हालांकि भारतीय सुरक्षा बलों के विरोध के बाद यह चीनी सैनिक वापस चले गए थे.

प्रधानमंत्री मोदी चीन की यात्रा के बाद घुसपैठ की घटनाओं में बहुत हद तक लगाम लगी है. जबकि पीएम की यात्रा से पहले लगभग 30 दिनों में चीन ने भारतीय सीमा के अलग-अलग इलाकों में करीब 35 बार घुसपैठ की. हालांकि भारतीय सुरक्षा बलों के विरोध के बाद चीनी सैनिक वापस लौट गए थे.

हवाई क्षेत्र का किया उल्लंघन

चीन ने मार्च में उत्तरी लद्दाख के ट्रिग हाईट में ताबड़तोड़ घुसपैठ की. 18 मार्च, 21 मार्च, 24 मार्च और 30 मार्च को दो बार 8 किलोमीटर अंदर तक चीनी सैनिक घुस आए थे. रिपोर्ट के मुताबिक़ लद्दाख के ट्रैक जंक्शन में सुबह 8.30 बजे 2 चीनी हेलीकॉप्टर ने घुसपैठ किया. चीन ने हेलीकॉप्टर से घुसपैठ कर भारत के एयरस्पेस का उल्लंघन किया, जिस पर भारतीय सुरक्षा बलों ने अपना विरोध दर्ज कराया था.

रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना के जवान 29 और 30 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के असफिला इलाके में 4 किलोमीटर अंदर तक दाखिल हो गए थे. 22 मार्च को अरुणाचल के डिचु में 6.10 बजे चीनी सैनिक 250 मीटर भारतीय सीमा में दाखिल हुए. सुरक्षा बलों से कहा-सुनी के बाद चीनी सैनिक वापस लौटे.

इसी तरीके से 28 मार्च को लद्दाख के डेसपांग इलाके में 19 किलोमीटर तक भारतीय सीमा में दाखिल होने के बाद चीनी सैनिक वापस चले गए थे. चीनी सेना के हेलीकॉप्टर तीन बार भारतीय हवाई सीमा में दाखिल हुए थे. रिपोर्ट के मुताबिक 21 मार्च को चीनी सेना के 4 हेलीकॉप्टर लद्दाख के ट्रिग हाईट और डेसपांग इलाके में देखे गए.

लद्दाख का ट्रिग हाईट और डेपसांग का इलाका भारत के लिए रणनीतिक महत्व की जगह है. इसलिए चीन यहां दबाव बनाने की कोशिश में रहता है. इसी इलाके में भारत का महत्वपूर्ण दौलत बेग ओल्डी एयरफील्ड है जिस पर चीन घुसपैठ के जरिये नज़र रखने की फिराक में रहता है. बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी की चीन के साथ हुई सौहार्द्रपूर्ण बातचीत का नतीजा ये है कि पिछले 10 दिनों में चीन की सेना की घुसपैठ में  कमी आई है.

Back to top button