शहरी गरीब लोगों और प्रवासी मजदूरों के लिए मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ के पैकेज में कुछ भी नहीं दिया: कांग्रेस नेता आनंद शर्मा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने स्पेशल पैकेज पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आखिरी घोषणा के बाद निराशा जाहिर की है.
उन्होंने कहा, स्पष्ट हो गया है कि देश को ऐसे खराब आर्थिक हालात से निकालने के लिए केंद्र सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है.
सरकार इस लोन को प्रोत्साहन पैकेज नहीं कह सकती है. सभी देशों की सरकारों ने अपनी जनता के लिए फौरी राहत देते हुए प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है. शहरी गरीब लोगों और प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने अपने पैकेज में कुछ भी नहीं दिया है.
कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट के बीच पीएम मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के स्पेशल पैकेज की घोषणा पर पलटवार करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि पैकेज सिर्फ 3.22 लाख करोड़ रुपये का ही है जो जीडीपी का 1.6 प्रतिशत है. बीस लाख करोड़ का पैकेज नहीं है, जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा था.
आनंद शर्मा ने ये भी कहा कि वित्त मंत्री की हालत समझी जा सकती है क्योंकि अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है और शिष्टाचार भी बनाए रखना है लेकिन रेल की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है. लोग सड़कों पर क्यों मर रहे हैं. सरकार सिर्फ जुबानी मदद कर रही है.
उन्होंने आगे कहा कि आज 12.3 करोड़ लोगों की नौकरी जा चुकी है. हमने छोटे व्यापारियों के लिए उन्हें बिना किसी ब्याज के आर्थिक मदद देने को कहा था.
जिससे कि छोटे और मंझोले उद्योग में काम करने वाले लोगों का रोजगार बचाया जा सके. जहां तक अनाज देने की बात है वो तो पहले से ही खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दिया जा रहा है. जब तक इन लोगों को डायरेक्ट पैसा नहीं दिया जाएगा, इनकी मदद नहीं हो सकती है.
इससे पहले शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सरकार की मदद को किसानों, व्यापारियों और प्रवासी मजदूरों के लिए नाकाफी बताया था.
उन्होंने कहा कि सरकार की मदद कर्ज का पैकेट नहीं होना चाहिए. किसान, प्रवासी मजदूरों की जेब में सीधा पैसा जाना चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा, ‘सड़क पर चलने वाले प्रवासी मजदूरों को कर्ज नहीं पैसे की जरूरत है. बच्चा जब रोता है तो मां उसे लोन नहीं देती, उसे चुप कराने का उपाय निकालती है, उसे ट्रीट देती है. सरकार को साहूकार नहीं, मां की तरह व्यवहार करना होगा.’
राहुल गांधी ने कहा कि अभी तूफान आया नहीं है, आने वाला है, देश को जबरदस्त आर्थिक नुकसान होने वाला है. इसमें सबको चोट लगेगी. अगर सरकार ने उन्हें पैसा नहीं दिया और मांग तेज नहीं हुई तो आगे बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है.
केंद्र के आर्थिक पैकेज में कर्ज की बात तो है लेकिन इससे मांग नहीं बढ़ेगी. प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि पैसा जनता की जेब तक जाए. मेरी मांग है कि सरकार एक बार फिर से इस पैकेज की समीक्षा करे.
वहीं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर सीधा हमला करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि मजदूरों के साथ बैठकर बातें करने से क्या होगा, मजदूरों के साथ बैठकर बातें करने के बजाय राहुल गांधी अपने मुख्यमंत्रियों को ज्यादा ट्रेनों के लिए क्यों नहीं कह रहे हैं, क्या ये ड्रामा नहीं है.
निर्मला ने कहा है कि राहुल अगर मदद करना चाहते थे तो मजदूरों का सामान उठाकर उनके साथ पैदल कुछ दूर तक चलते ही फिर उनकी मदद होती, सड़क किनारे बैठकर बातें से केवल उनका वक्त बर्बाद किया.
निर्मला सीतारमण ने कहा, “क्या कांग्रेस दावा करना चाहती है कि उनके द्वारा शासित राज्यों में सब कुछ सही है, मैं सोनिया गांधी से अपील करती हूं कि मजदूरों को उनके घर तक में भेजने मदद करें.”
बता दें, राहुल गांधी शनिवार शाम दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास मजदूरों से मुलाकात करने पहुंचे. राहुल गांधी ने फुटपाथ पर बैठकर उनसे बातचीत की और उनकी समस्याएं जानीं.
एक प्रवासी मजदूर देवेंद्र ने बताया कि राहुल गांधी कुछ देर पहले हमसे मिलने आए थे. उन्होंने घर जाने के लिए हमारे लिए गाड़ी बुक की और कहा कि वे हमें घर तक छोड़ेंगे. उन्होंने हमें खाना, पानी और मास्क भी दिया.