मोदी कैबिनेट में इस बार खाली रह सकती है पंजाब की झोली

केंद्र में मोदी सरकार तीसरी बार सत्तासीन होने जा रही है, लेकिन पंजाब से इस बार ऐसा कोई नेता नहीं है, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बन सके। पंजाब में भाजपा व शिरोमणि अकाली दल का गठबंधन टूट चुका है। भाजपा का पंजाब से कोई भी सांसद नहीं है।

शिरोमणि अकाली दल से सिर्फ हरसिमरत कौर बादल ही अपनी सीट जीत पाई हैं, लेकिन वह एनडीए का हिस्सा नहीं हैं। भाजपा के पास राज्यसभा में भी कोई सदस्य नहीं है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार मोदी कैबिनेट में पंजाब की झोली खाली रह सकती है।

पंजाब में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सात, शिरोमणि अकाली दल को एक, आप को तीन सीटें मिली हैं, जबकि दो सांसद निर्दलीय जीते हैं। भाजपा के पास एक भी सांसद नहीं है, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया जा सके। चर्चा आम है कि क्या इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में पंजाब की आवाज उठाने वाला कोई नहीं होगा।

कांग्रेस की सरकार हो या फिर भाजपा की, पंजाब को हमेशा केंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व मिला है। 2019 में बेशक हरदीप पुरी अमृतसर से चुनाव हार गए थे, लेकिन फिर भी उनको केंद्र में मंत्री बनाया गया था। उनको राज्यसभा में भेजा गया और केंद्रीय मंत्री का पद दिया गया। 2014 में अरुण जेटली बेशक पंजाब के अमृतसर से हार गए, लेकिन उनको राज्यसभा से केंद्र में मंत्री पद दिया गया। 2014 में विजय सांपला को भी केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया था। 2019 में हरदीप पुरी के साथ होशियारपुर से सांसद सोमप्रकाश को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया। इतना ही नहीं गठबंधन में रहे शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था।

कांग्रेस सरकार में भी मिला था महत्व
2009 में पंजाब से अंबिका सोनी, मनीष तिवारी व अश्वनी कुमार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया था। तिवारी लोकसभा लुधियाना से जीते थे। सोनी 29 जनवरी, 2006 से 22 मई, 2009 तक पर्यटन और संस्कृति मंत्री रहीं। 22 मई, 2009 से 27 अक्टूबर, 2012 तक उन्होंने बतौर सूचना और प्रसारण मंत्री सेवाएं दीं। जुलाई 2010 में राज्यसभा के लिए उन्हें फिर चुना गया। अश्वनी कुमार भी पंजाब से राज्यसभा सांसद रहे हैं। 2014 में अंबिका सोनी ने आनंदपुर साहब से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गई थीं, लेकिन कांग्रेस ने उनको राज्यसभा में सीट दी।

पंजाब से इन नेताओं को भी मिला कैबिनेट में स्थान
1- 2000 से 2004 तक वाजपेयी मंत्रिमंडल में सुखदेव ढींडसा खेल और रसायन और उर्वरक मंत्री थे।
2- सुखबीर बादल 1998 से 1999 के दौरान दूसरे वाजपेयी मंत्रिमंडल में केंद्रीय उद्योग राज्य मंत्री थे। वह 2001 से 2004 के दौरान राज्यसभा के सदस्य भी थे।
3- अमृतसर से जीतने वाले रघुनंदन लाल भाटिया केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री रहे।
4- सुखबंस कौर भिंडर गुरदासपुर से सांसद रहीं और केंद्रीय मंत्री रहीं। उन्होंने 1980 से 1996 तक लोकसभा में गुरदासपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
5- सरवण सिंह ने 1952 में भारत के पहले प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में प्रवेश किया और वह उस सरकार के अंतिम जीवित सदस्य थे। उन्होंने अपने जीवन के 23 वर्ष भारत सरकार में उच्च पदस्थ कैबिनेट मंत्री के रूप में बिताए।
6- प्रकाश सिंह बादल, सुरजीत सिंह बरनाला ने भी केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया है।

Back to top button