कानून का दुरुपयोग: सहमति से तलाक के बाद पति के खिलाफ दी आपराधिक शिकायत

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सहमति से तलाक के बाद पति के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करने वाली पत्नी को सबक सिखाते हुए उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी का कृत्य कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है और ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटना बेहद जरूरी है।
याचिका दाखिल करते हुए हरिद्वार निवासी पति ने हाईकोर्ट को बताया था कि उसका विवाह 2003 में हुआ था और उसके 2 बच्चे हैं। 2014 में उत्तराखंड में ही उसने अपनी पत्नी से सहमति से तलाक लिया था। इसके बाद 2015 में उसकी पत्नी ने हरिद्वार की अदालत में अर्जी दाखिल करते हुए धोखे से तलाक लेने की बात कही थी और इसे रद्द करने की मांग की थी।
फैमिली कोर्ट ने दो बार दाखिल इन अर्जियों को खारिज कर दिया। इसके बाद पत्नी ने उत्तराखंड के हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए तलाक व अर्जी खारिज होने को चुनौती दी थी। वहां से राहत न मिलने के बाद उसने याचिका वापस ले ली थी। इसके बाद मूल रूप से लुधियाना निवासी पत्नी ने पंजाब महिला आयोग में शिकायत दी थी लेकिन पुलिस ने जांच के बाद केस दर्ज नहीं करने का फैसला लिया।
इसके बाद उसने लुधियाना में जेएमआईसी की अदालत में शिकायत दी थी और वहां से याची को समन हुए। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि धोखाधड़ी यदि कोई हुई है तो वह उत्तराखंड में हुई है, लुधियाना की अदालत को इस मामले को सुनने का अधिकार नहीं है। याची की पत्नी ने दुर्भावना से शिकायत दर्ज करवाई थी न की इंसाफ पाने के लिए। इस प्रकार कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने वालों से सख्ती से निपटना जरूरी है। हाईकोर्ट ने पत्नी पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाते हुए राशि की वसूली का लुधियाना के डीसी को आदेश दिया है।