दूध या पनीर को पचाने में होती है दिक्कत, तो आपके लिए बेस्ट हैं कैल्शियम के विकल्प…

आमतौर पर बचपन से ही बच्चे को दूध पिलाते समय ये एक धारणा बन चुकी है कि इससे बच्चे को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी मिलेगा जिससे उसकी हड्डियां और दांत मजबूत होंगे, लेकिन कुछ लोगों को दूध, दही, चीज़, पनीर आदि में पाए जाने वाले लैक्टोज का सेवन करते ही उल्टी या मितली आने लगती है या फिर शरीर ऐसे संकेत देने लगता है जिससे ये स्पष्ट होता है कि वे लैक्टोज को पचा नहीं पा रहे हैं। ऐसे में बिना जानकारी के तत्काल कैल्शियम सप्लीमेंट लेने में कोई समझदारी नहीं है। कम ही लोग जानते हैं कि ऐसे लोगों के लिए कैल्शियम के ढेरों विकल्प हैं जिसकी सही जानकारी नहीं होने के कारण लोग कैल्शियम की कमी से जूझने लगते हैं।

लैक्टोज इंटॉलरेंस लोगों के लिए कैल्शियम के 6 विकल्प

क्विनोआ : प्रोटीन और अमीनो एसिड से भरपूर क्विनोआ लैक्टोज और ग्लूटेन इन्टोलेरेंट लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है

केल : एंटी ऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन ए और सी से भरपूर केल कैल्शियम के बेहतरीन स्रोत माने जाते हैं। ये ब्लड शुगर लेवल भी कम करते हैं।

चिया सीड्स : ये एक ऐसा सुपरफूड है जो प्रोटीन, फाइबर, ओमेगा थ्री, पोटैशियम, एंटी ऑक्सीडेंट और आयरन से भरपूर होता है। हर सौ ग्राम चिया सीड्स में लगभग 630 एमजी तक कैल्शियम मौजूद होता है। इसे सलाद, डिटॉक्स ड्रिंक या स्मूदी में मिला कर इसका सेवन करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इसमें दूध से पांच गुना ज्यादा कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है।

रागी : आपको जानकर हैरानी होगी कि दूध के एक गिलास में लगभग 295 एमजी कैल्शियम पाया जाता है वहीं एक रागी की रोटी में 455 एमजी तक कैल्शियम पाया जाता है। रागी की रोटी, इडली, चीला या कुकीज़ भी बनाई जा सकती हैं जो बेहद स्वादिष्ट लगती है।

मोरिंगा : 150 ग्राम मोरिंगा में लगभग 450 एमजी कैल्शियम पाया जाता है। इसे सूप या सांभर में मिला कर खाना चाहिए।

बादाम : बादाम एक सुपरफूड है जिसमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। इसे भिगो कर या फिर रोस्ट कर के खाने से इसके अधिकतम फायदे मिलते हैं। ये प्लांट बेस्ड कैल्शियम के स्रोत का एक बेहतरीन विकल्प है।

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