मेट्रो कॉरिडोर-दो का काम मार्च से, काकादेव में दो साल के लिए होगा ट्रैफिक डायवर्जन
कानपुर में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) मार्च में कॉरिडोर-2 का निर्माण रावतपुर से शुरू करेगा। यहां सबसे पहले भूमिगत मेट्रो स्टेशन के लिए डी-वॉल (दीवार) बनाई जाएगी। यहां से काकादेव क्षेत्र में डबलपुलिया तक दो अन्य भूमिगत मेट्रो स्टेशनों और चार किलोमीटर लंबे भूमिगत ट्रैक निर्माण के लिए दो साल के लिए ट्रैफिक डायवर्जन किया जाएगा। डायवर्जन लागू करने के लिए पुलिस उपायुक्त (यातायात) को पत्र भी लिखा गया है।
सीएसए से बर्रा-8 तक आठ किलोमीटर लंबे इस मेट्रो रूट का निर्माण ढाई साल में होना है। सीएसए से रावतपुर, काकादेव होते हुए डबल पुलिया तक चार किलोमीटर लंबे भूमिगत सेक्शन के निर्माण का ठेका केपीआईएल-गुलेरमैक को दिया है। कंपनी रावतपुर गुटैया क्रासिंग से डबलपुलिया के बीच कई बैरिकेडिंग लगाकर मिट्टी परीक्षण कर रही है, जो अंतिम चरण में है। इस बीच निर्माण की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
रावतपुर में रोडवेज कार्यशाला में निर्माण तोड़ने का काम शुरू
मेट्रो के एक अधिकारी के अनुसार निर्माण की शुरुआत रावतपुर एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन के बगल में स्थित रोडवेज कार्यशाला से की जाएगी। इसके लिए वहां निर्माण तोड़ने के साथ ही मलबा हटाया जा रहा है। यह काम इसी माह पूरा हो जाएगा। अगले महीने इसी स्थान पर बनने वाले रावतपुर भूमिगत मेट्रो स्टेशन के लिए खोदाई और डी-वॉल का निर्माण शुरू कराया जाएगा। करीब 18 मीटर गहराई तक खोदाई और डी-वॉल बनाने के बाद टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के पुर्जे वहां पहुंचाए जाएंगे और उन्हें जोड़कर काकादेव की तरफ सुरंग की खोदाई शुरू कराई जाएगी। रावतपुर भूमिगत स्टेशन के निर्माण की शुरुआत के बाद काकादेव और डबलपुलिया भूमिगत मेट्रो स्टेशनों का काम शुरू होगा।
आईआईटी से गल्लामंडी तक का काम दिसंबर में होना है पूरा
23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर-1 के तहत आईआईटी से मोतीझील तक मेट्रो ट्रेनों के संचालन और उसके आगे से चुन्नीगंज, माल रोड, कानपुर सेंट्रल, झकरकटी, ट्रांसपोर्टनगर, बारादेवी होते हुए नौबस्ता हमीरपुर रोड में गल्लामंडी के पास तक काम तेजी से चल रहा है। इसे पूरा करने की डेडलाइन दिसंबर है।
काकादेव में दो साल के लिए होगा ट्रैफिक डायवर्जन
यूपीएमआरसी के मुख्य परियोजना प्रबंधक-3 अजहर सरताज ने कॉरिडोर-2 में काम शुरू करने से पहले दो साल के ट्रैफिक डायवर्जन के लिए पुलिस उपायुक्त (यातायात) को पत्र लिखा है। कानपुर मेट्रो की कार्यदायी संस्था केपीआईएल-गुलेरमैक संयुक्त उद्यम की तरफ से उचित बैरिकेडिंग, ट्रैफिक मार्शल, साइनेज बोर्ड, दुकानों एवं मकानों के लिए उचित पैदल मार्ग उपलब्ध कराएगी। यातायात विभाग से यातायात संचालन के लिए समन्वय स्थापित करके मिलने वाले सुझावों पर मेट्रो आवश्यक कार्रवाई करेगा। अजहर सरताज ने जल्द से जल्द डायवर्जन की अनुमति देने पर जोर दिया है, ताकि तेजी से निर्माण शुरू हो सके।
कॉरिडोर-2 का भूमिगत स्टेशन कॉरिडोर-1 के एलिवेटेड स्टेशन से जुड़ेगा
कॉरिडोर-2 के अंतर्गत बनने वाला रावतपुर भूमिगत स्टेशन इंटरसेप्टिंग स्टेशन होगा। इस स्टेशन को कॉरिडोर-1 के तहत बने रावतपुर एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएगा। इसी कॉरिडोर में बनने वाले सीएसए सहित पांच एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों और एलिवेटेड रूट निर्माण के लिए पांच कंपनियों ने टेंडर डाले हैं। मेट्रो रेल की टेंडर कमेटी टेक्निकल बिड का अध्ययन कर रही है। अगले महीने इस कार्य के लिए भी कंपनी का नाम चयनित होने की संभावना है। टेंडर होते ही एलिवेटेड सेक्शन का निर्माण भी शुरू कराया जाएगा।
उत्तरी और दक्षिण दो हिस्सों में बनेगा एलिवेटेड सेक्शन
कॉरिडोर-2 के तहत एलिवेटेड सेक्शन दो हिस्सों (उत्तरी, दक्षिणी) में बनेगा। उत्तरी हिस्से में सीएसए मेट्रो स्टेशन और एलिवेटेड मेट्रो ट्रैक बनेगा। इसकी लंबाई 600 मीटर है। दूसरी तरफ डबल पुलिया से विजयनगर की तरफ करीब 700 मीटर दूर से बर्रा-8 तक दक्षिणी एलिवेटेड सेक्शन बनेगा। इसकी लंबाई 3.75 किलोमीटर है।
जानिये…कॉरिडोर-2 की लंबाई, लागत, स्टेशनों की संख्या
लंबाई: 8.3 किलोमीटर।
लागत: 1246.50।
स्टेशन: आठ।
भूमिगत सेक्शन की लंबाई: चार किमी।
भूमिगत सेक्शन की लागत: 762.50 करोड़।
एलिवेटेड सेक्शन की लंबाई: 4.3 किलोमीटर।
एलिवेटेड सेक्शन की अनुमानित लागत: 484 करोड़।
निर्माण अवधि: ढाई साल।
भूमिगत मेट्रो स्टेशन: रातवतपुर, काकादेव, डबल पुलिया।
यहां बनेंगे भूमिगत मेट्रो स्टेशन: सीएसए, विजयनगर, शास्त्री चौक, बर्रा-7, बर्रा-8।