स्मृतिशेष: ओसामु सुजुकी…जिन्होंने वाहन उद्योग में भारत को बनाया महाशक्ति

भारत के प्रति ऐसा गहरा और अडिग प्रेम, जिसने एक व्यक्ति को जोखिम उठाने के लिए प्रेरित किया और भारत को मोटर वाहन उद्योग में महाशक्ति बना दिया। वह व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि मारुति सुजुकी इंडिया लि. के मानद अध्यक्ष ओसामु सुजुकी थे। लिम्फोमा नामक घातक कैंसर ने उनकी जिंदगी छीन ली। ओसामु ने जोखिम उठाने का बीड़ा तब उठाया, जब भारत लाइसेंस व्यवस्था के तहत एक बंद अर्थव्यवस्था थी।

भारतीय बाजार का दुनिया से खास लेनादेना नहीं था। ऐसे दौर में ओसामु ने साल 1981 में मारुति उद्योग लि. के साथ संयुक्त उद्यम बनाने के लिए तत्कालीन भारत सरकार के साथ साझेदारी करने का जोखिम उठाया। इसलिए, उन्हें व्यापक रूप से देश में मोटर वाहन उद्योग को बढ़ावा और नई दिशा देने वाले शख्सियत के तौर पर पहचाना जाता है। बाद में सरकार ने 2007 में सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के साथ मिलकर कंपनी से बाहर निकलने का फैसला किया, जिससे मारुति उद्योग लि., मारुति सुजुकी इंडिया लि. बन गई।

दुनियाभर के मोटर उद्योग के लिए स्थापित किए मानक
ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह ने कहा, मारुति सुजुकी के जरिये भारत में ओसामु के असाधारण योगदान ने न सिर्फ भारतीय मोटर वाहन परिदृश्य में क्रांति ला दी, बल्कि वैश्विक वाहन उद्योग के लिए मानक स्थापित किए। एक मजबूत आपूर्ति शृंखला का निर्माण किया, जिसने अनगिनत व्यवसायों को सशक्त बनाया।

जोखिम उठाने की अपार इच्छाशक्ति
भार्गव ने कहा, ओसामु की दूरदर्शिता और एक शिक्षक के रूप में उनकी अपार क्षमताओं के बिना मेरा मानना है कि भारतीय मोटर वाहन उद्योग वह महाशक्ति नहीं बन पाता, जो वह बन गया है। इसमें उनकी जोखिम उठाने की इच्छाशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका थी, जिसे कोई और उठाने को तैयार नहीं था।

कई पीएम का जीता भरोसा पीएम मोदी से करीबी संबंध
भारत के साथ ओसामु के संबंधों को याद करते हुए मारुति सुजुकी इंडिया लि. के चेयरमैन आरसी भार्गव कहते हैं, उन्होंने कई प्रधानमंत्रियों का विश्वास जीता और उसका लाभ उठाया। मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके करीबी संबंध थे। देश में उनके असंख्य प्रशंसक और लाभार्थी उन्हें याद रखेंगे।

योगदान के लिए पद्म भूषण सम्मान
ओसामु सुजुकी के भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान और भारत एवं जापान के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उनकी दूरदर्शिता ने न सिर्फ वैश्विक वाहन उद्योग को आकार दिया, बल्कि लाखों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई।

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