मायावती ने किया भारत बंद का समर्थन,कही ये बड़ी बात…

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने SC/ST एक्ट में बदलाव के खिलाफ पूरे देश में हो रहे आंदोलन का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि मैं SC/ST आंदोलन का समर्थन करती हूं. साथ ही उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर अनुसूचित जाति और जनजाति को गुलाम बनाने का आरोप भी लगाया है.

मायावती सोमवार को नोएडा के सेक्टर 19 स्थित इंडो गल्फ अस्पताल में भर्ती भाई आनंद से मिलने पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की और कहा कि हम सदन में नहीं हुए तो क्या हुआ, हम अपनी ताकत पर सदन के बाहर रहते हुए भी इस (केंद्र) सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर करने में समर्थ हैं.

यही नहीं, उन्होंने दलित संगठनों द्वारा पूरे देश में SC/ST एक्ट में बदलाव को लेकर बुलाए गए बंद का भी समर्थन किया. हालांकि, उन्होंने इस दौरान हुई हिंसक घटनाओं की आलोचना भी की और हिंसा में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की.

इराक से भारत आया 38 भारतीयों का शव, अमृतसर में लैंड हुआ प्लेन

मायावती ने कहा, ‘मैं SC/ST आंदोलन का समर्थन करती हूं. मुझे जानकारी मिली है कि कुछ लोग इस आंदोलन में हिंसा फैला रहे हैं, मैं इस हिंसक गतिविधियों की निंदा करती हूं. इस हिंसा के पीछे हमारी पार्टी का हाथ नहीं है.’

मायावती ने केंद्र सरकार द्वारा SC/ST एक्ट में बदलाव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जो पुनर्विचार याचिका दायर की गई है वह बेदह जरूरी थी. अगर यह पहले ही दायर की गई होती तो आज भारत बंद बुलाने की जरूरत नहीं पड़ती.’

मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कहा कि केंद्र सरकार के मौजूदा रवैया को देखते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति के सामने एक बार फिर से गुलाम बनने का खतरा दिख रहा है, यही कारण है कि दलित समाज में यह आक्रोश देखने को मिल रहा है.

 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाने को कहा था. जिसके बाद दलित संगठनों और नेताओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था. 

इस एक्ट में बदलाव के बाद नाराज दलित समुदाय ने सोमवार को भारत बंद की घोषणा की. मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की है. बंद के दौरान कई जगह पर हिंसा की खबरें भी सामने आई हैं. कई शहरों में रेल रोकी गई तो कहीं हिंसक झड़पें हुई. वहीं, हिंसा में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है.

क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट  ने 20 मार्च को महाराष्ट्र के एक मामले को लेकर एससी एसटी एक्ट में नई गाइडलाइन जारी की थी. जिसके तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम-1989 के दुरुपयोग पर बंदिश लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था. इसमें कहा गया था कि एससी एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी. पहले आरोपों की जांच डीएसपी स्तर का अधिकारी करेगा. यदि आरोप सही पाए जाते हैं तभी आगे की कार्रवाई होगी.

Back to top button