बड्डाल में मातम: 17 मौतों के बाद GMC को मिला विशेषज्ञों का नया दल
बड्डाल गांव में 17 लोगों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जीएमसी राजोरी को पांच बाल रोग विशेषज्ञ और पांच एनेस्थीसिया विशेषज्ञ उपलब्ध कराए हैं। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शमीम अहमद ने बताया कि यह कदम आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए उठाया गया है।
जीएमसी राजोरी को मजबूत किया जा रहा है। कोटरंका सब डिवीजन के बड्डाल गांव में 17 लोगों की मौत के बाद स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जीएमसी को पांच बाल रोग विशेषज्ञ और पांच एनेस्थीसिया विशेषज्ञ उपलब्ध कराए हैं।जीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शमीम अहमद ने कहा कि आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रकार की उन्नत तकनीक मौजूद हैं।
बड्डाल मामले के दौरान कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ा। प्रिंसिपल जीएमसी और डीसी के अनुरोध पर स्वास्थ्य सचिव से आधे घंटे के भीतर जीएमसी को पांच एनेस्थेसियोलॉजिस्ट और पांच बाल रोग विशेषज्ञों की प्रतिनियुक्ति का आदेश पारित करवा दिया। वे हमारी मौजूदा जनशक्ति को मजबूत करेंगे। हम सात दिसंबर से इस संकट का सामना कर रहे हैं।
अस्पताल में उन्नत देखभाल वाली एम्बुलेंस हैं। इस बीच बुद्धल के विधायक जावेद इकबाल ने केंद्र सरकार से आपात स्थिति के लिए एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की अपील की है, ताकि मरीजों को एयरलिफ्ट किया जा सके। बड्डाल में आए मामलों में बुखार, पसीना, उल्टी और बेहोशी जैसे लक्षण हैं। प्रारंभिक परीक्षणों के बावजूद कोई जीवाणु या वायरल संक्रमण नहीं पाया गया है।
सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है, जो स्थिति को संभालने के लिए चौबीस घंटे काम कर रहे हैं।बुद्धल के विधायक जावेद इकबाल ने कहा कि उन्होंने बच्चों को तड़प-तड़प कर मरते देखा है। सरकार से अपील करते हैं कि जम्मू या राजोरी में एयर एंबुलेंस तैनात की जाए, ताकि गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया जा सके। पीजीआई एमईआर चंडीगढ़ और एम्स दिल्ली में भी व्यवस्था की जानी चाहिए। जीएमसी राजोरी को भी मजबूत किया जाना चाहिए। आपात स्थिति से निपटने के लिए यहां अधिक स्टाफ भेजा जाना चाहिए।
क्वारंटीन लोगों की देखरेख के लिए विशेष अधिकारी तैनात
बड्डाल के लोगों के लिए राजोरी में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में रखे गए लोगों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। क्वारंटीन किए गए लोगों की देखरेख के लिए विशेष अधिकारी तैनात किए गए हैं। विभिन्न सरकारी कार्यालयों के अधिकारी विशेष रूप से तैयार किए गए हैं।तैनात सभी अधिकारी लोगों को मिलने वाली खाने पीने की चीजों के साथ-साथ अन्य सभी सुविधाओं की कड़ी निगरानी कर रहे हैं।
इसके अलावा सभी केंद्रों में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। इनकी मॉनिटरिंग के लिए डीसी कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसकी निगरानी डीसी स्वयं कर रहे हैं। इतना ही नहीं डीसी अभिषेक शर्मा राउंड ड द क्लॉक केंद्रों का दौरा भी कर रहे हैं। पल-पल की रिपोर्ट एकत्रित कर सरकार को भेज रहे हैं। बता दें कि सरकार और प्रशासन के कड़े निर्देश पहले ही जारी किए गए थे कि क्वारंटीन किए गए लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।
जीएमसी राजोरी में भर्ती 11 लोगों की हालत में सुधार
बड्डाल में बीमार होने के बाद जीएमसी राजोरी में भर्ती नौ बच्चों समेत 11 लोगों की हालत में काफ़ी सुधार है। जीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. एएस भाटिया ने लोगों से अपील की है कि वह अस्पताल में आने से डरें नहीं, न ही अपनी किसी बीमारी को छिपाएं। जीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. एएस भाटिया ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में भर्ती नौ बच्चों समेत 11 लोगों की हालत में अब काफी सुधार है।
इन 11 में से 10 मरीज मृतक फजल हुसैन, पीड़ित मोहम्मद असलम और मोहम्मद रफ़ीक के परिजन हैं। इन्हें जो दवाइयां दी जा रही हैं, वो काम कर रही हैं। प्रिंसिपल के अनुसार, बड्डाल से जीएमसी में पहुंचे मरीज़ों में से दो बच्चियों 11 वर्षीय साइमा कौसर और 16 वर्षीय शबनम कौसर की हालत ज्यादा खराब थी। दोनों को आईसीयू में रखा गया था।
उन दोनों की हालत में भी काफी सुधार है।प्रिंसिपल ने कहा कि इससे पहले भी यहां भर्ती पांच लोगों को ठीक कर घर भेजा गया था। वे सभी अभी तक बिलकुल ठीक हैं। अब इन 11 लोगों की सेहत में सुधार से यह कह सकते हैं कि बड्डाल मामले में जीएमसी राजोरी 100 प्रतिशत रिकवरी हासिल कर रहा है। यह बड्डाल के लोगों के लिए अच्छी खबर है। उन्होंने लोगों से अपील की कि जैसे ही किसी को कोई लक्षण दिखाई देता है, तो वे तत्काल जीएमसी में आएं। यहां उपचार होगा और ठीक कर घर भेजा जाएगा।
गणतंत्र दिवस पर उत्साह, बड्डाल में मातम
जहां गणतंत्र दिवस पर हर तरफ उत्साह का माहौल है, वहीं राजोरी के बड्डाल गांव में मातम पसर रहा है। साल के अंतिम माह से अब तक गांव में रहस्यमय रूप से 13 बच्चों समेत 17 लोग इस दुनिया से जा चुके हैं। प्रशासन ने अन्य ग्रामीणों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें राजोरी में क्वारंटीन कर दिया है। गांव की तरफ जाने वाले रास्तों को सील किया गया है, ताकि भविष्य में किसी भी संदिग्ध मौत को रोका जा सके। इससे गांव में इस बार गणतंत्र दिवस को लेकर शांति बनी हुई है।
गांव में तीन परिवारों के घरों के आसपास कई कब्रें बन चुकी हैं। इसमें इन परिवारों ने कई अपनों को खो दिया है। हालांकि प्रशासन की ओर से राजोरी के अन्य क्षेत्रों में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए फुलड्रेस रिहर्सल की गई। लेकिन बड्डाल में ऐसा नहीं दिखा। वहीं, क्वारंटीन में जाने के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीणों के लिए राष्ट्रीय समारोह फीके पड़ गए हैं। अपने आशियानों को छोड़कर बाहर रहने के कारण ग्रामीणों के लिए दैनिक चर्या से संघर्ष करना पड़ रहा है। बड्डाल से 300 के करीब ग्रामीणों को राजोरी में लाया गया है। जिससे वहां अधिकांश घर बंद पड़े हुए हैं।
300 से अधिक लोगों को जीएमसी, नर्सिंग कॉलेज और अन्य केंद्रों में किया शिफ्ट
बड्डाल के मृतकों के परिवार, उनके करीबी संपर्कों, रिश्तेदार, पड़ोसियों को राजोेरी के नर्सिंग कॉलेज, जीएमसी में निगरानी केंद्र, लड़कों के सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल राजोरी और थन्नामंडी के प्लांगड़ में कन्याओं के हॉस्टल में अलग रखा जा रहा है। शुक्रवार शाम तक करीब 300 लोगों को राजोेरी स्थानांतरित किया गया। आगे भी सिलसिला जारी रहेगा।
राजौरी में रहस्यमय मौतों से निपटने के लिए डॉक्टरों, पैरामेडिक्स की छुट्टियां रद्द
जम्मू के बड्डाल गांव में 17 लोगों की मौत के बाद मेडिकल अलर्ट के मद्देनजर अधिकारियों ने डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की सभी छुट्टियां रद्द कर दी हैं। राजौरी सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत सिंह भाटिया ने शुक्रवार को राजौरी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और घोषणा की कि डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
उन्होंने कहा, पिछले डेढ़ महीने में तीन परिवारों के 17 लोगों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत के बाद मेडिकल अलर्ट की स्थिति से निपटने के लिए शीतकालीन छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति के बीच चिकित्सा व्यवस्था में सहायता के लिए जीएमसी राजौरी में 10 अतिरिक्त मेडिकल छात्रों को तैनात किया है।