मणिपुर हिंसा: (सीओसीओएमआई) ने राज्य सरकार का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

इसका नेतृत्व कर रहे शीर्ष मैतेई संगठन ‘सीओसीओएमआई’ ने यह दावा किया कि अगर विधायक सत्र में भाग लेना चाहते हैं तो वे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

मणिपुर हिंसा के मद्देनजर 21 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में विभिन्न दलों के ज्यादातर कुकी विधायक शामिल होने होंगे। कुकी समुदाय के नेताओं ने इसकी संभावना जताई है। हालांकि, इसका नेतृत्व कर रहे शीर्ष मैतेई संगठन ‘सीओसीओएमआई’ ने यह दावा किया कि अगर विधायक सत्र में भाग लेना चाहते हैं तो वे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

दरअसल, कुकी समुदाय के 10 विधायकों ने कुकी इलाकों के लिए अलग प्रशासनिक क्षेत्र बनाए जाने का अनुरोध करते हुए केंद्र सरकार को एक अर्जी भेजी है। इन मांगों को सर्वसम्मति से खारिज करने के लिए विधानसभा के विशेष सत्र का आयोजन किया जा रहा है। इस बीच कुकी नेता तथा भाजपा विधायक पाओलिनलाल हाओकिप ने तो दावा किया है कि राज्य के जातीय संघर्ष का समाधान तीन अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने से ही संभव होगा। 

जातीय हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक चुराचांदपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एलएम खाउते ने कहा कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुए मैं आगामी सत्र में भाग नहीं ले पाऊंगा। उन्होंने कहा कि हिंसा और अलग प्रशासन से जुड़ी कुकी समुदाय की मांगों पर कोई समाधान न निकाले जाने से सभी कुकी-जोमी-हमार विधायकों के लिए सत्र में भाग लेना संभव नहीं होगा।

मणिपुर की 60-सदस्यीय विधानसभा में कुकी-जोमी समुदाय के 10 विधायक हैं, जिनमें से सात भाजपा, दो कुकी पीपुल्स एलायंस तथा एक निर्दलीय है। कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) के अध्यक्ष तोंगमांग हाओकिप ने बताया कि विधायकों के लिए इंफाल आना सुरक्षित नहीं होगा। थानलोन का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्ते से वहां बुरी तरह मारपीट की गई, वह अब भी उपचार करा रहे हैं।

कुकी इंपी मणिपुर (केआईएम), कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (केएसओ), कुकी चीफ्स एसोसिएशन (केएसएएम) और कुकी वुमेन यूनियन (केडब्ल्यूयू) समेत कुकी संगठनों ने विधायकों से विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए इंफाल जाने से बचने के लिए कहा है। ‘नगा होहो’ ने भी मणिपुर में 10 नगा विधायकों से विधानसभा सत्र में भाग न लेने के लिए कहा है।

COCOMI सरकार का बहिष्कार करेगी
इंफाल स्थित कई नागरिक समाज संगठनों की एक प्रमुख संस्था मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (सीओसीओएमआई) ने राज्य सरकार का बहिष्कार करने का फैसला किया है। COCOMI कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संयोजक जीतेंद्र निंगोम्बा ने कहा कि वह मौजूदा उथल-पुथल के शांतिपूर्ण समाधान के लिए पांच अगस्त से पहले एक आपातकालीन विधानसभा सत्र की मांग पर ध्यान नहीं देने के लिए सरकार से निराश हैं। ऐसे में COCOMI अब राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई किसी भी गतिविधि में सहयोग नहीं करेगा।

इंफाल पश्चिम जिले के सभी क्षेत्रों में कर्फ्यू में ढील
इंफाल पश्चिम जिले के सभी क्षेत्रों में कर्फ्यू में ढील देने का फैसला किया गया है। डीएम इंफाल पश्चिम ने बताया कि आम जनता को दवा और खाद्य पदार्थों सहित आवश्यक सामान खरीदने की सुविधा प्रदान करने के लिए इंफाल पश्चिम जिले के सभी क्षेत्रों में 7 अगस्त को सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जाएगी।

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