चीन पर कोविड मामलों की जानकारी छिपाने का लगा आरोप, जानें पूरा मामला ..
चीन में कोरोना की नई लहर दुनियाभर के लिए चिंता का विषय बन गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ-साथ कई अन्य देशों ने चीन पर कोविड मामलों की जानकारी छिपाने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है चीनी सरकार ने कोरोना को लेकर दैनिक मामलों पर डेटा जारी करना बंद कर दिया है। वहीं, देश में कोविड -19 से मौत की संख्या को 5,200 से थोड़ा अधिक रखा है।
ब्रिटेन के शोध फर्म एयरफिनिटी ने बताया है कि क्षेत्रीय आंकड़ों के विश्लेषण से जानकारी मिली कि वायरस से लाखों लोग प्रतिदिन संक्रमित हो रहे हैं और हजारों की संख्या में मृत्यु हो रही है। कंपनी के पूर्वानुमानित स्वास्थ्य विश्लेषण के अनुसार, कोविड-19 संक्रमण इस सप्ताह चीन में चरम पर पहुंच जाएगा। प्रति दिन 3.7 मिलियन मामले सामने आएंगे। जबकि 10 दिन बाद से हर दिन लगभग 25,000 लोगों की मौत होगी।
जनवरी के अंत तक पांच लाख से अधिक होंगे कोरोना केस
एयरफिनिटी ने कहा कि दिसंबर से जनवरी के अंत तक कोरोना के मामले बढ़कर 584,000 हो जाएंगे। वहीं, अप्रैल के अंत तक कोरोना के मामले बढ़कर 1.7 मिलियन हो जाएंगे। चीन में संक्रमण की लहर के बारे में विश्वसनीय जानकारी मिलना मुश्किल है। सरकार ने भी स्वीकार किया है कि मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है लेकिन सही आंकड़े बताने को तैयार नहीं है।
यह छह बातें कोविड मामलों के वास्तविक प्रभाव को छिपाने के चीन के प्रयासों को करती हैं उजागर
- पिछले कुछ हफ्तों में बीजिंग के लिए मौत के आंकड़े को छिपाना मुश्किल हो गया है। चीनी अनुसंधान संस्थानों ने प्रसिद्ध डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के कोविड से मौतों की जानकारी साझा की हैं। चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग ने बताया कि जहां साल में केवल 16 मौतें होती थीं, वहीं एक महीने से भी कम समय में 20 सदस्यों की जान जा चुकी है।
- कोविड समस्या से होने वाली मौतें केवल इंजीनियरों और वैज्ञानिकों तक ही सीमित नहीं हैं। कई मशहूर हस्तियों ने भी इस वायरस के चलते अपनी जान गंवा दिया है। मरने वाली चीनी हस्तियों के नाम सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं। 18 अक्टूबर 2022 से जान गंवाने वाले 34 चीनी चित्रकारों की सूची सोशल मीडिया पर साझा की गई। इस सूची के अधिकांश प्रसिद्ध चित्रकार 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के थे।
- चीन के तीसरे सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत हेनान में 8.8 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। स्थानीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि इस शहर के करीब 90 प्रतिशत लोग वायरस के चपेट हैं। वहीं, पिछले हफ्ते आधिकारिक आंकड़ों ने बताया कि दिसंबर की शुरुआत में चीन ने कोविड प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद से सिर्फ 120,000 लोग संक्रमित हुए हैं और 30 लोगों की मौत हुई है। लेकिन जमीनी हालात कुछ और ही बयां करती हैं।
- कोविड-19 दवा पैक्सलोविड की भारी कमी की वजह से चीन में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भारतीय जेनेरिक दवाओं की मांग आसमान छू गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस दवा को राष्ट्रीय प्रतिपूर्ति सूची में शामिल करने से मना कर दिया है। यह महंगाई में रोगियों को पूरे देश में सस्ती कीमत पर प्राप्त करने की अनुमति देता है। चीनी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भारत में उत्पादित कम से कम चार जेनेरिक कोविड दवाएं प्रिमोविर, पैक्सिस्टा, मोलनुनाट और मोलनाट्रिस को हाल के हफ्तों में बिक्री के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
- न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी व निजी अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं और अंतिम संस्कार वाले ओवरटाइम कर रहे हैं। चीन के हालात बहुत गंभीर हैं। मामलों में विस्फोट ने चीन की चरमराती स्वास्थ्य प्रणालियों को तोड़ दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिस्तर मिलने का तो सवाल ही नहीं उठता, यहां तक कि रास्ते और गलियारे के फर्श मरीजों से भरे पड़े हैं। अधिकांश रोगियों को कथित तौर पर सरकारी स्वास्थ्य तंत्र के बाहर उनके भाग्य पर छोड़ दिया जाता है।
लाखों लोगों को दवा, ऑक्सीजन, श्वसन यंत्र या अन्य चिकित्सा उपकरण नहीं मिल पा रहे हैं। इस बीच, चेंग्दू के सबसे बड़े शवदाह गृह के आसपास इलाके कार पार्क भरे हुए हैं। कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें दिन में लगभग 200 क्षमताओं के साथ काम करना पड़ रहा है। वह इतने व्यस्त हैं कि उनके पास खाने के लिए भी समय नहीं है। पहले हर रोज लगभग 30-50 लोगों का ही अंतिम संस्कार करना होता था, अब काम बहुत बढ़ गया है। अन्य शवदाहगृहों भी समान रूप से व्यस्त हैं। हाल ही में कोविड से इतनी मौतें हुई हैं कि अगले कुछ हफ्तों के लिए श्मशान स्लॉट पूरी तरह से बुक हैं।