यशोदा के लाला को प्रसन्न करने के लिए बनाएं ये मीठे और स्वादिष्ट भोग
जन्माष्टमी पर कान्हा के भोग का खास महत्व होता है। यशोदा के लाला को माखन अतिप्रिय है ही, लेकिन उन्हें और भी कई सारी चीजें पसंद हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर उन्हें प्रसन्न करने और अपना लाड दिखाने के लिए लोग तरह-तरह के मीठे-नमकीन पकवान बनाते हैं और कान्हा को भोग लगाते हैं। अगर आप भी इस मौके पर क्या बनाएं, इसकी प्लानिंग कर रहे हैं, तो इन पारंपरिक मिठाइयों को बनाएं। जिन्हें आप घर में ही बड़ी आसानी से तैयार कर सकते हैं। जान लें इसकी रेसिपी।
दूध पेड़ा
कड़ाही में 1 लीटर दूध डालकर गैस पर उबलने के लिए रख दें।
उबाल आने के बाद दूध को लगातार चलाते रहें। वरना तली में लगने से इसका स्वाद बदल जाता है।
लगातार चलाते हुए जब दूध गाढ़ा नजर आने लगे, तो इसमें 1/2 कप चीनी और 1/2 चम्मच इलायची पाउडर मिलाएं।
इसके बाद धीमी आंच कर इसे 5 से 6 मिनट और पकाएं। जब तक कि वो जमने जैसा न हो जाए।
फिर इसे एक प्लेट में निकाल लें।
ठंडा हो जाने के बाद इसके पेड़े बनाने हैं।
हाथों पर घी लगाएं और पेड़े बनाते जाएं।
रोज कलाकंद
एक पैन में 1 लीटर दूध गर्म करें। साथ ही इसमें 100 मिली मिल्कमेड मिला लें।
दूध को मीडियम आंच पर लगातार चलाते हुए आधा होने तक पका लें।
पनीर कद्दूकस कर लें। इसमें दूध डालें और हल्के हाथों से मिक्स करें।
फिर इसमें 1/4 कप रोज सिरप डालें और चलाएं।
उसके बाद 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर डालें। दूध को गाढ़ा होने तक पकाएं।
एक ट्रे को घी से ग्रीस करके उसमें इस मिश्रण को डालें।
इस पर चांदी का वर्क लगाएं और पिस्ता की कतरन से सजाएं।
मनपसंद आकार में काट लें।
तैयार है टेस्टी रोज कलाकंद।
पपीता बर्फी
1/2 पके पपीते को छीलकर उसे टुकड़ों में काट लें। थोड़े टुकड़े छोड़कर बाकी को मिक्सी में पीसकर प्यूरी बना लें।
पैन में 1 चम्मच घी गर्म करें। इसके पपीते की प्यूरी और बचे हुए टुकड़े डालकर मीडियम आंच पर लगातार चलाते हुए पकाएं, जब तक कि इसका पानी न सूख जाए।
1/3 कप चीनी मिलाकर पकाएं। जब चीनी का पानी भी सूख जाए, तो इसमें 1/2 कप मिल्क पाउडर मिलाएं। जब मिश्रण किनारे छोड़ने लगे, तो गैस बंद कर दें।
एक ट्रे या थाली को घी से ग्रीस कर लें। इसमें इस मिश्रण को डालें और ड्राई फ्रूट्स डालकर रूम टेंपरेचर पर 2 घंटे सेट होने के लिए रख दें।
फिर इसे मनचाहे शेप में काट लें।
तो इस जन्माष्टमी इन पकवानों से करें कान्हा को खुश।