Make in India के मुरीद हुए पुतिन, भारत में करेंगे तगड़ा निवेश
भारत और रूस के बीच की दोस्ती को और गहरी होने जा रही है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी की पहल मेक इन इंडिया की जमकर तारीफ की है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में निवेश करना लाभकारी है।
दरअसल, रूसी राष्ट्रपति ने मेक इन इंडिया की तारीख करते हुए कहा कि भारत में इस नीति के चलते नीति के चलते भारत में छोटे और मध्यम वर्ग के उद्योगों में स्थिरता आई है। आगे उन्होंने कहा कि हम भारत में अपने विनिर्माण परिचालन स्थापित करने के लिए भी तैयार हैं। हमारा मानना है कि भारत में निवेश करना लाभदायक है।
रूसी राष्ट्रपति ने जमकर की पीएम मोदी तारीफ
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम की भारत-प्रथम नीतियों की जमकर सराहना की। उन्होंने इस दौरान कहा कि रूस पूरे भारत में विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेगा। बता दें कि रूसी शहर मॉस्को में एक निवेश शिखर सम्मेलन में बोलते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि वे इस बात से प्रभावित हैं कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल विश्व स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत कर रही है।
वहीं, पीएम मोदी के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह भी स्वीकार किया कि किस प्रकार भारत की नीतियों ने विकास के लिए एक स्थिर वातावरण का निर्माण करके भारत के विकास में योगदान दिया है।
भारत में निवेश करना लाभदायक
इस शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के पास मेक इन इंडिया नामक एक कार्यक्रम है। हम भारत में अपने विनिर्माण परिचालन स्थापित करने के लिए भी तैयार हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार भारत को प्राथमिकता देने की नीति से प्रेरित होकर स्थिर स्थितियां बना रही है। हमारा मानना है कि भारत में निवेश करना लाभदायक है। वहीं, रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि रूसी कंपनी रोसनेफ्ट ने हाल ही में भारत में 20 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।
अमेरिका पर क्या होगा असर?
रुस के राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अमेरिका पर अप्रत्यक्ष तौर से निशाना साधा। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि नए रूसी ब्रांडों का उदय उन पश्चिमी कंपनियों की जगह लेने में मदद कर रहा है, जिन्होंने स्वेच्छा से हमारे बाजार को छोड़ दिया है।रूस के राष्ट्रपति के बयान से साफ है कि भारत को विश्व में एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर उभर रहा है। यही कारण है कि रूस निवेश के लिए अब भारत को चुन रहा है। अगर भारतीय बाजर से रूस अमेरिका के सामान को पीछे छोड़ने में सफल होता है तो ये अमेरिका के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा।
ट्रंप ने पहले दी है ब्रिक्स देशों को धमकी
उल्लेखनीय है कि रूसी राष्ट्रपति ने हाल के दिनों में ही ब्रिक्स देशों के एसएमई विकास का समर्थन किया। इसके अलावा ग्लोबल साउथ में सुचारू व्यापार की सुविधा की बात भी कही है। वहीं, हाल के दिनों में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को धमकी दी थी। उन्होंने साफ कहा था कि ब्रिक्स देश अगर डॉलर के अलावा दूसरी करेंसी में व्यापार करते हैं तो उन पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया जा सकता है। इस स्थिति में पुतिन का नया बयान अमेरिका के लिए चुनौती साबित हो सकता है।