‘ईवीएम का मंदिर बना लो’, महायुति पर संजय राउत ने कसा तंज

संजय राउत ने शनिवार को ईवीएम को लेकर महायुति पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि पहले कैबिनेट मीटिंग में ही एलान करना चाहिए कि ईवीएम का सबसे बड़ा मंदिर नागपुर में आरएसएस मुख्यालय के सामने बनाएंगे। राउत ने नई सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक महीने बाद भी सरकार में केवल एक सीएम और दो डिप्टी सीएम हैं। उन्होंने राज्य में अराजकता फैलने का भी आरोप लगाया।

उद्धव गुट वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने शनिवार को भाजपा और उसके सहयोगी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें ईवीएम का मंदिर बना देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पहली कैबिनेट मीटिंग में ही सरकार को एलान कर देना चाहिए कि नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हेडक्वार्टर के बाहर ईवीएम का मंदिर बनाया जाएगा।

ईवीएम को लेकर कसा तंज
राउत ने कहा, ‘नागपुर में मुख्यमंत्री की जुलूस निकलेगा। मुझे लगता है कि उससे पहले ईवीएम की जुलूस निकालना चाहिए। पहले कैबिनेट मीटिंग में ही एलान करना चाहिए कि ईवीएम का सबसे बड़ा मंदिर नागपुर में आरएसएस मुख्यालय के सामने बनाएंगे।’

शिवसेना (यूबीटी) सांसद राउत ने नई गठित सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ‘एक महीना हो गया, लेकिन किसके पास कौन-सा विभाग है, पता नहीं है। महाराष्ट्र में हर दिन गांव-गांव में हत्या, बलात्कार हो रहे हैं। उसके बारे में मुख्यमंत्री जवाब नहीं दे पा रहे हैं। अराजकता फैली है। ईवीएम से बनी इस सरकार के पास दिमाग नहीं है। उनके दिमाग में केवल ईवीएम है।’

चुनाव पर बोले थे फडणवीस
इसके पहले गुरुवार को एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि उन्हें चुनाव में उम्मीद से अधिक नंबर मिले थे। फडणवीस ने यह भी कहा था कि पीएम मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारे ने जादू की तरह काम किया था।

फडणवीस ने कहा था, ‘मुझें यकीन था कि महायुति की जीत होगी, लेकिन अगर मैं कहूं कि मुझे ये भी मालूम था कि भाजपा को 132 सीट मिलेगी, तो यह गलत होगा। हमें भी नहीं पता था कि हमें इतनी बड़ी जीत मिलेगी। हमें उम्मीद से ज्यादा सीटें मिली थीं।’

5 दिसंबर को हुआ था शपथ ग्रहण
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को बड़ी जीत मिली थी। गठबंधन ने 235 सीटें जीती थीं। 132 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। 5 दिसंबर को देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। एकनाथ शिंदे और अजित पवार डिप्टी सीएम बने थे।

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