महेश भट्ट ने खोले 5 बड़े राज, बयां की बॉलीवुड की असलियत

मशहूर डायरेक्टर महेश भट्ट ने बॉलीवुड की असलियत बताई और ग्लैमर की इस दुनिया के कई राज खोले। शनिवार को एलांते मॉल चंडीगढ़ में फिल्म डैडी के नाट्य रूपांतरण ‘डैडी’ का विशेष मंचन किया गया। इस मौके पर महेश भट्ट उनकी बेटी पूजा भट्ट खास तौर पर शहर पहुंचे। इस दौरान महेश भट्ट ने अमर उजाला से खास बातचीत की तो महेश भट्ट ने कहा कि ‘आइना मुझसे मेरी पहली सी सूरत मांगे…’ फिल्म डैडी का यह गीत आज भी महेश भट्ट के दिल के बेहद करीब है। 1989 में रिलीज हुई इस फिल्म को महेश भट्ट ने ही डायरेक्ट किया था।
महेश भट्ट ने बताया कि फिल्म डैडी का क्लाइमेक्स उन्होंने एक रात में ही बदल डाला था। आखिरकार क्यों? इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि जिस समय फिल्म बन रही थी, तब मैं ड्रिंक करता था। पैकअप होने के बाद रात को जब बेटी पूजा सो जाती तो मैं ड्रिंक करने बैठ जाता था। एक दिन पत्नी बोलीं, आप दूसरों को बेवकूफ बना रहे हैं, फिर मन में ख्याल आया शायद हां। इसके बाद जब दूसरे दिन सेट पर पहुंचा तो फिल्म का पूरा क्लाइमेक्स ही चेंज कर दिया।
महेश भट्ट ने एक सवाल के जवाब में कहा कि स्टार बनने के लिए बॉलीवुड में जाने की जरूरत नहीं, बल्कि अपनी मिट्टी और संस्कृति से जुड़कर आप एक अच्छे अभिनेता बन सकते हैं। बॉलीवुड एकदम बदल चुका है। पहले लोग यहां आकर अभिनेता बनकर जाते थे, परन्तु अब स्थिति बिल्कुल उलट है, क्योंकि प्रांतीय कलाकार (रीजनल एक्टर्स) अब ज्यादा उभरकर आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण उनका अपनी सभ्यता, संस्कृति और मिट्टी से जुड़ा होना है।
भट्ट ने एक सवाल पर कहा कि बॉलीवुड में कोई अफलातून लोग नहीं हैं, सब साधारण ही हैं। वास्तव में एक साधारण व्यक्ति ही कुछ करता है, लेकिन उसके भीतर कुछ करने की लगन होनी चाहिए। सफलता के लिए कोई सुपर हाईवे नहीं है। आप देखें शाहरुख खान ने एक छोटे से सफर से अपना कैरियर शुरू किया और आज वह कहां हैं। मैं हमेशा नए आर्टिस्टों को लेकर मूवी बनाता हूं, यह एक चैलेंज भी है और मेरा स्टाइल भी।
महेश भट्ट ने कहा कि मेरा काम प्लेटफार्म देना है और आर्टिस्ट का काम खुद को साबित करना। इमरान हाशमी भी उन्हीं में से एक हैं। बॉलीवुड में भाई भतीजावाद जैसा कुछ नहीं है। टैलेंट जिसके पास होगा, वह कामयाब होगा। बॉलीवुड में बदलाव आते रहते हैं, वहां सब टेस्ट के अऩुसार ही चलता है। भट्ट ने कहा कि जल्द ही उनके नए प्रोजेक्ट सामने आएंगे। सड़क टू के साथ ही उन्होंने कहा कि आलिया, पूजा के साथ ही प्रोजेक्ट की योजना है।
महेश भट्ट ने कहा कि वह काफी गहराई से विचार करने के बाद ही कुछ निष्कर्ष निकालते हैं। उन्होंने बताया कि इमरान जाहिद का यह सपना था कि डैडी को नाटक के रूप में दिखाएं और उन्होंने यह कर दिखाया। उन्होंने पहले भी हमारी अधूरी कहानी, अर्थ को नाट्य रूपांतरण किया। वास्तव में यह एक नया प्रोजेक्ट था और इसी वजह से उनको अच्छा लगा।
महेश भट्ट ने बताया कि फिल्म लाइन एक गोरख धंधा ही है। फिल्म चले न चले इसकी कोई भी गारंटी नहीं होती। यहां ये बिल्डर बिल्डिंग्स बना रहे हैं। इन्हें यही काम सूट करता है। क्योंकि, इन्हें इस काम की कामयाबी का पता है। जिस तरह से शहरीकरण हो रहा है। उससे साफ है कि इस क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ चुका है। जो लोग यहां बहुत अरसे से रह रहे हैं। उनको इस बात का एहसास नहीं होगा कि यहां कितना बदलाव आएगा। मैं मुंबई से यहां आया हूं।
महेश भट्ट ने कहा कि यहां जो मैंने सुना और देखा है। उससे लग रहा है कि आज छोटे शहरों में भी वह सब हो रहा है, जो बड़े शहरों में होता है। आज फिल्म इंडस्ट्री में अच्छी कहानियों की बहुत कमी है। जो फिल्में बन रही हैं, वे मार्केट को फोकस करके बनाई जाती हैं। ताकि, वह हिट हों और पैसा रिकवर भी हो जाए। पहले के दर्शक और आज के दर्शक अलग तरीके से अपनी पंसद रखते हैं।
बच्चों को लेक्चर नहीं
महेश भट्ट ने कहा कि उन्होंने कभी अपने बच्चों को लेक्चर नहीं दिया। चाहे आलिया हों या फिर पूजा, बचपन से लेकर अब तक उन्होंने कभी लेक्चर नहीं दिया। उसकी वजह यह रही कि वास्तव में उन्होंने लेक्चर देना सीखा ही नहीं। उन्होंने कहा कि कम शब्दों में बात समझा देते थे और वही बात बच्चों को समझ में आ जाती थी।