महाराष्ट्र: तीन लड़कियों ने रची खुद के अपहरण की साजिश, कमाना चाहती थीं पैसा

तीन नाबालिग लड़कियों ने अपने सपने को पूरा करने के लिए खुद के अपहरण की ही झूठी कहानी रच डाली। लड़कियों ने पुलिस को सूचना दी कि वे किडनैप हो गईं हैं। अपहरण की सूचना पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लड़कियों को बरामद किया। जब पुलिस को लड़कियों की असलियत पता लगी तो वो भी हैरत में पड़ गई।

महाराष्ट्र की तीन नाबालिग लड़कियों ने अपने सपने को पूरा करने के लिए खुद के अपहरण की ही झूठी कहानी रच डाली। लड़कियों ने पुलिस को सूचना दी कि वे किडनैप हो गईं हैं। अपहरण की सूचना पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लड़कियों को बरामद किया। जब पुलिस को लड़कियों की असलियत पता लगी तो वो भी हैरत में पड़ गई। पुलिस को लड़कियों ने बताया कि वे दक्षिण कोरिया जाकर अपने पसंदीदा बीटीएस बैंड के सदस्यों से मिलना चाहती हैं। इसके लिए वे पैसा जुटाना चाहती थीं।

महाराष्ट्र की धाराशिव पुलिस के हेल्पलाइन नंबर पर 27 दिसंबर को फोन आया। कॉल करने वाले ने कहा कि ओमेरगा तालुका से तीन लड़कियों को जबरन एक स्कूल वैन में ले जाया गया है। इस सूचना पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि जिस नंबर से फोन आया था वह एक महिला का है। लोकेशन के आधार पर पुलिस को पता लगा कि फोन ओमेगा से पुणे जाने वाली बस में हैं और बस सोलापुर जिले के मोहोल के पास पहुंच चुकी है।

इस पर धाराशिव पुलिस ने ओमेरगा और मोहोल पुलिस से संपर्क किया। इसके साथ ही मोहोल बस स्टैंड पर चाय की दुकान चलाने वाली एक महिला से भी संपर्क किया। बस मोहोल पहुंची तो दुकान चलाने वाली महिला की मदद से तीनों नाबालिग लड़कियों को बस से उतारा गया। तीनों लड़कियों को मोहोल पुलिस स्टेशन लाया गया।

इसके बाद ओमेरगा पुलिस नाबालिग लड़कियों के माता-पिता के साथ मोहोल पहुंची। यहां पुलिस ने लड़कियों से पूछताछ की। लड़कियों ने पूछताछ में बताया कि दक्षिण कोरिया जाकर अपने पसंदीदा बीटीएस बैंड के सदस्यों से मिलना चाहती थीं। इसलिए वे पुणे जाकर काम करके पैसे कमाना चाहती थीं। उनको पैसे की जरूरत थी इसलिए उन्होंने अपने अपहरण की कहानी रची। पुलिस ने लड़कियों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।

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