महाराष्ट्र: 14 साल पहले लॉटरी में मिला था फ्लैट, नर्स थी इस बात से अनजान, जानें क्या है पूरा माजरा

मुंबई में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) में लॉटरी लगना उन लोगों के लिए एक सपना है जो शहर में अपना घर खरीदना चाहते हैं. एक नर्स ने भी अपनी किस्मत आजमाई, वह सफल तो हुई लेकिन इसका फायदा नहीं उठा सकी. क्योंकि एक एजेंट ने उसे 14 साल तक अंधेरे में रखकर धोखाधड़ी से उसका फ्लैट हड़प लिया. बाद में इसे अलग-अलग लोगों को किराए पर दे दिया. इस फ्लैट के जरिए उसने खूब कमाई की. इसमें हैरानी की बात यह है कि नर्स को 14 साल बाद इस बारे में पता चला है. अब उसने एजेंट के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक निजी अस्पताल में नर्स के रूप में काम करने वाली मीनाक्षी जाधव-सावंत (42) ने फरवरी 2009 में अनुसूचित जनजाति श्रेणी के तहत म्हाडा फ्लैट के लिए आवेदन किया था. मई 2009 में, उसका लॉटरी में नाम आ गया. उनकी शिकायत में कहा गया है कि चूंकि उन्होंने जाति कोटा के तहत आवेदन किया था, इसलिए उन्हें जाति प्रमाण पत्र जमा करना पड़ा. वह प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए बोरीवली तहसीलदार के कार्यालय गई और इस दौरान उसकी मुलाकात सुनील जंगपल्ले (56) से हुई. सुनील ने उन्हें जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कराने में मदद की. पुलिस ने कहा कि आरोपी सुनील ने महिला का विश्वास जीत लिया और जाति प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज जमा करने के लिए उसके साथ म्हाडा कार्यालय भी गया.
हालांकि, बाद में, सुनील ने मीनाक्षी को सूचित किया कि उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया है और उसकी फाइल म्हाडा द्वारा बंद कर दी गई है. तब मीनाक्षी ने सुनील से मामले को आगे बढ़ाने के लिए अपने सभी दस्तावेज उसे सौंप दिए. जब 2014 में, मीनाक्षी की शादी हो गई तो उन्होंने इस मामले पर कोई पूछताछ करना भी बंद कर दिया. लेकिन उनके माता-पिता ने संबंधित सरकारी विभाग के ठाणे कार्यालय में पूछताछ की, जहां पता चला कि जंगपल्ले ने उनकी ओर से जाति सत्यापन प्रमाण पत्र एकत्र किया था. परिवार को एहसास नहीं हुआ कि उन्हें धोखा दिया गया है.
हाल ही में, मीनाक्षी ने कुछ काम के लिए जंगपल्ले को बुलाया और दोनों दहिसर के शैलेंद्र नगर में मिले. जब वह इलाके में पहुंची, तो उनकी मुलाकात म्हाडा बिल्डिंग के हाउसिंग सोसाइटी के सचिव और अध्यक्ष से हुई, जिन्होंने उन्हें बताया कि उनकी बिल्डिंग की 7वीं मंजिल पर उनके नाम पर एक फ्लैट है. उन्हें यह भी बताया गया कि जंगपल्ले ने सोसाइटी के सदस्यों को बताया था कि वह उनका रिश्तेदार है. वह कथित तौर पर 13 साल से उक्त फ्लैट को अलग-अलग लोगों को किराए पर दे रहा था और पैसे वसूल रहा था.
बता दें कि इस मामले को लेकर पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है. 30 अक्टूबर को आरोपी सुनील पर धोखाधड़ी, जालसाजी और दस्तावेजों में हेराफेरी के लिए भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस मामले की जांच कर रही है.