महाराष्ट्र: डकैती के बाद आरोपी हो गया फरार, पुलिस ने बंद कर दिया था केस

पालघर के विरार में नौ जनवरी 2003 को चार लोगों ने एक घर में घुसकर डकैती को अंजाम दिया था। घटना के बाद आरोपी फरार हो गए। पुलिस को जब आरोपी नहीं मिले तो केस फाइल बंद कर दी गई। पिछले दिनों मीरा भयंदर-वसई विरार (एमबीवीवी) अपराध शाखा ने फिर से फाइल खोली तो जांच में सामने आया कि आरोपी अपने गांव में है। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

महाराष्ट्र के ठाणे में डकैती और हत्या की कोशिश करने का आरोपी 21 साल बाद पकड़ा गया। अपने गिरोह के साथ वारदात को अंजाम देने के बद आरोपी अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था। पुलिस ने कुछ साल तक केस चलाया, लेकिन आरोपी न मिला तो फाइल बंद कर दी। 19 साल बाद जब दोबारा केस की फाइल खुली तो पुलिस ने आरोपी को उसके घर जालना से पकड़ लिया।

मामला पालघर के विरार से जुड़ा है। नौ जनवरी 2003 को यहां चार लोगों ने एक घर में घुसकर डकैती को अंजाम दिया था। आरोपियों ने गृहस्वामी और उसके परिवार को बंधक बनाया। इसके बाद उनके चेहरों को कंबल से ढक दिया। आरोपी घर से 1.33 लाख रुपये के सोने के गहने और 25,000 रुपये नकद चुरा ले गए थे। इसके बाद आरोपियों ने एक और घर को निशाना बनाया था, लेकिन यहां उनको कुछ नहीं मिला। घटना के बाद आरोपी फरार हो गए।

2003 में हुई इस घटना के मामले में पुलिस ने उसी दिन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ डकैती और हत्या की कोशिश के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की। मामले में 2005 में पुलिस ने एक आरोपी सुचिनाथ राजेश सत्यवान पवार को पकड़ लिया था। उसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गई। सुचिनाथ ने पुलिस को पूछताछ में बाबूराव अन्ना काले समेत दो अन्य आरोपियों के नाम भी बताए थे। तीनों फरार थे। पुलिस तीनों को काफी समय तक तलाश करती रही। लेकिन कोई भी पकड़ा नहीं जा सका।

इसके बाद पुलिस ने केस की फाइल बंद कर दी। पिछले दिनों मीरा भयंदर-वसई विरार (एमबीवीवी) अपराध शाखा ने फिर से फाइल खोली तो जांच में सामने आया कि काले जालना में अपने गांव में है। इसके बाद पुलिस की मदद से क्राइम ब्रांच की टीम ने जालना के गांव में काले का पता लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी उम्र अब 55 साल हो गई थी।

अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि काले संपत्ति की चोरी और हत्या का प्रयास समेत कम से कम 10 अन्य मामलों में शामिल था। सभी मामले जालना और छत्रपति संभाजीनगर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज हैं। डकैती के मामले में दो अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं।

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