नरेश मीणा के समर्थन में 29 दिसंबर को महापंचायत
पूर्वी राजस्थान में एक बड़े आंदोलन की सुगबुगाहट चल रही है। नरेश मीणा की रिहाई को लेकर उनके समर्थक 29 दिसंबर को महापंचायत बुलाने जा रहे हैं। यह टोंक के नगरफोर्ट में बुलाई जा रही है। महापंचायत में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल को भी बुलाया गया है।
देवली-उनियारा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान एसडीएम के को थप्पड़ कांड मारने के मामले में जेल में बंद नरेश मीणा की रिहाई के लिए 29 दिसंबर को महापंचायत होने वाली है। इस महापंचायत के जरिए एक बड़े आंदोलन की तैयारी भी है। नरेश मीणा के परिजन और समर्थन इस महापंचायत में सर्वसमाज के नेताओं को आमंत्रित कर रहे हैं।
नरेश के बेटे और परिजनों ने नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल से भी मुलाकात की है। उन्होंने हनुमान बेनीवाल को रैली में आने का निमंत्रण दिया। इस पर नागौर सांसद ने ग्रामीणों के साथ बदसलूकी करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई करवाने की बात की। नरेश मीणा के बेटे और परिजनों से मुलाकात की हनुमान बेनीवाल ने तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की। बेनीवाल ने बताया कि जयपुर आवास पर नरेश मीणा के पुत्र व परिजनों ने मुलाकात कर आगामी 29 दिसंबर को नगरफोर्ट, टोंक में आयोजित होने वाली रैली में आने का आमंत्रण दिया।
‘न्याय दिलाने का किया जाएगा प्रयास’
हनुमान बेनीवाल ने आगे लिखा कि समरावता गांव में जिन ग्रामीणों के साथ अन्याय हुआ, उन्हें न्याय दिलवाने और ग्रामीणों के साथ बदसलूकी करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई करवाने का प्रयास किया जाएगा। नरेश मीणा देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान 13 नवंबर को एसडीएम के साथ हुए थप्पड़ कांड मामले में जेल में बंद हैं। नरेश मीणा ने उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में मतदान केंद्र के बाहर उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को कथित तौर पर थप्पड़ मारा था।
इसके बाद प्रदेश में आरएएस एसोसिएशन ने नरेश की गिरफ्तारी को लेकर पेन डाउन हड़ताल कर दी। एसडीएम अमित कुमार चौधरी ने नरेश मीणा के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया था। जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हो गई। गौरतलब है कि नरेश मीणा की रिहाई के लिए 8 दिसंबर को सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा में मीणा धर्मशाला के पास एक सर्व समाज की महापंचायत हुई थी। किसान महासभा ने महपंचायत की थी। पंचायत में आए युवाओं ने कहा था कि नरेश मीणा के साथ इंसाफ नहीं हुआ तो जल्द ही राजस्थान में बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।