मध्य प्रदेश: नहीं बच पायी बैतूल में बोरवेल में गिरे तन्मय की जान, पढ़े पूरी ख़बर

मध्य प्रदेश के बैतूल में बोरवेल में गिरे बच्चे तन्मय को बाहर तो निकाल लिया गया है लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। 6 दिसंबर को बाहर खेलते वक्त 8 वर्षीय तन्मय खुले बोरवेल में गिर गया था। चार दिन से ज्यादा चले राहत-बचाव कार्य के बाद भी तन्मय को बचाया नहीं जा सका। बोरवेल से तन्मय का शव बाहर निकाला गया है। प्रशासन की ओर से लगाई गई भारी मशीनों से खुदाई करने के बाद तन्मय को बाहर तो निकाला गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

मुख्यमंत्री ने जताया शोक
चार दिन के रेस्क्यू के बाद तन्मय को ना बचा सकने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा,”अत्यंत दुखद है कि बैतूल के मांडवी गांव में बोरवेल में गिरे नन्हे तन्मय को प्रशासन के अथक प्रयासो के बाद भी नहीं बचाया जा सका। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।”

परिजनों को चार लाख की आर्थिक सहायता
तन्मय की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री चौहान परिजनों को 4 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।
 

रात के ढाई बजे निकाला गया शव
चार दिन से ज्यादा चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद शनिवार को रात करीब ढाई बजे जब तन्मय को बोरवेल से बाहर निकाला गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। तन्यम के शव को बाहर निकालने के बाद अस्पताल भेज दिया गया है।

पथरीली जमीन होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में टीम को काफी समस्या का सामना करना पड़ा। यही कारण रहा कि राहत-बचाव कार्य में चार दिन से ज्यादा का समय लग गया।

6 दिसंबर को तन्मय खेलने के दौरान खुले बोरवेल में गिर गया था। बच्चे को बाहर निकालने के लिए खुदाई करने वाली बड़ी मशीनें प्रशासन द्वारा लगवाई गई और बोरवेल के बगल में एक और गढ्ढे की खुदाई की गई। शुक्रवार देर राद बोरवेल से बाहर निकाला गया तन्यम चार दिन से ज्यादा समय से 400 फीट गहरे बोरवेल में 55 फीट पर फंसा हुआ था।

बाहर निकालने से पहले हो चुकी थी मौत
जिला प्रशासन ने बताया कि तन्मय को जब बोरवेल से बाहर निकाला गया तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। बच्चे के पिता ने बताया कि, तन्मय के बोरवेल में गिरने के बाद वो दौड़कर वहां पहुंचे थे तब बच्चे की सांस चल रही थी। पिता ने बताया कि, उन्होंने बच्चे की आवाज भी सुनी थी।

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