मध्यप्रदेश : 75 साल के बाद खर्राघाट गांव को मिली पुल की सौगात

दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में पठाघाट और खर्राघाट दो पुल काफी नीचे थे, थोड़ी सी बारिश में दोनों पुल पानी में डूब जाते थे। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। शनिवार को खर्राघाट नदी पर बने नए पुल का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकार्पण कर दिया है। 75 साल के बाद खर्राघाट में लोगों को नए पुल की सुविधा मिली है। इस पुल के निर्माण से 18 गांवों के लोगों का आवागमन बारिश के दिनों में भी जारी रहेगा, जो पहले बंद हो जाता था। पुल निर्माण के बाद लोग पठाघाट पुल की बजाए इस नए पुल से आवागमन कर सकते हैं।

खमरिया गांव निवासी नीलेश यादव ने बताया कि खमरिया, अजीतपुर, देवरी निजाम, खमखेड़ा, दलपतखेड़ा सहित अन्य गांवों के लोगों को मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए खर्राघाट के क्षतिग्रस्त पुल से होकर गुजरना पड़ता था। अब नए पुल के निर्माण के बाद यह समस्या समाप्त हो गई है। पुल काफी सुविधाजनक है और इसमें दोनों तरफ रैलिंग लगी हुई है, जिससे अगर कोई वाहन अनियंत्रित होता है तो रैलिंग के जरिए वह नीचे गिरने से बच सकता है।  

खर्राघाट पर बने पुल का निर्माण कार्य चार साल में पूरा हुआ है। यह पुल ऊंचाई में काफी अधिक है, इससे बारिश के दिनों में पुल पर पानी नहीं आएगा और सुरक्षा के साथ आवागमन जारी रहेगा। पुल का निर्माण प्रधानमंत्री सड़क योजना द्वारा कराया गया है, यह मंत्री धर्मेंद्र सिंह के पिछले विधायकी कार्यकाल में मंजूर हुआ था। खर्राघाट पुल निर्माण का कार्य चार करोड़ पचास लाख की लागत से चार वर्षों में पूरा किया गया है। पुल 150 मीटर लंबा है। 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिंडरई और अजीतपुर मार्ग पर बने उच्चस्तरीय पुल का जबेरा से वर्चुअल लोकार्पण किया। यह पुल 75 साल के बाद बना है, इसके एक ओर मुख्य मार्ग है, जबकि दूसरी ओर गांव बसे हैं। जहां, की आबादी लगभग बीस हजार है।

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