लखनऊ: शहर पर छाया कैलाश खेर के गीतों का जादू, देर रात तक झूमते रहे लोग
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कैलाश के गानों पर देर रात तक झूमते रहे लखनऊ वाले। पूरा शहर मानों उनके गानों को सुनने के लिए उमड़ आया हो।
केडी सिंह बाबू स्टेडियम शनिवार को हजारों दर्शकों की मौजूदगी में मशहूर गायक पद्मश्री कैलाश खेर की आवाज के जादू में रात तक झूमता रहा। ऐसा लगा मानो संगीत की ऊंचाइयों ने साक्षात कैलाश को छू लिया हो।
मौका था यहां चल रहे एलएलसी टेन-10 क्रिकेट टूर्नामेंट के समापन समारोह का। कैलाशा बैंड की प्रस्तुतियों ने लखनवियों का दिल जीत लिया। इस दौरान प्रशंसक कैलाश खेर के हर गीत पर तालियों की बरसात करते रहे।
कंसर्ट की शुरुआत कैलाश खेर ने अपने ही लिखे गीत मैं तो तेरे प्यार में दीवाना हो गया, दिलरुबा ये बता क्या करूं तेरे सिवा… से की। इस गीत में उन्होंने जितनी बार आलाप लिया, उतनी बार दर्शकों का शोर और उत्साह तेज होता रहा।
इसके बाद एक बार फिर अपने ही लिखे गीत तौबा तौबा उफ माशा-ए-अल्लाह… गाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। अमीर खुसरो की रचना गोरी सोई सेज पे मुख पे डारे केस…, ओ पिया… पिया के रंग रंग दीनी ओढ़नी… पर दर्शक लगातार झूमते रहे।
इसके बाद शिव तांडव स्त्रोत जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्नि लिंप निर्झरी… से शुरू बाहुबली फिल्म का मशहूर गीत कौन है कौन है वो कहां से आया… से दर्शकों में ऊर्जा भर दी। अपने मशहूर गीत तेरे नाम से जी लूं तेरे नाम से मर जाऊं… सुनाकर दर्शक दीर्घा के शोर और तालियों की गूंज को बढ़ा दिया। ये दुनिया ऊट पटांगा… गाते ही दर्शक नाचने लगे।
मंच के करीब मौजूद दर्शक तो नाचते हुए अपने मोबाइल में कैलाश को कैद करते रहे। हीरे मोती मैं ना चाहूं मैं तो चाहूं संगम तेरा… और जागो री जागो जागो जागो धरती सारी…से समा बांध दिया।
कैलाश खेर ने जब हाथों में डमरू लेकर अपना मशहूर गीत बगड़ बम बम… सुनाया तो दर्शक झूम उठे। ऐसा लगा मानो शिवरात्रि से तीन दिन पहले ही लोग भगवान शिव की भक्ति में झूम रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने हमारा लखनऊ, ये प्यारा लखनऊ… सुनाकर शहरवासियों का दिल जीत लिया।