लखनऊ: तीन तलाक मामले में बैठक, सदस्य बोले- सरकार के बिल में नही है कोई कमी
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सलन लॉ बोर्ड तीन तलाक के विरोध में खुद है और इस मामले में उच्चतम न्यायालय अपना फैसला सुना चुका है। लेकिन, सरकार जो बिल लेकर आई है, उसमें कई बड़ी खामियां हैं। ये बातें लखनऊ के नदवा कॉलेज में रविवार सुबह आयोजित ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आपात बैठक में बोर्ड के मेम्बर्स ने कही हैं।
मौलाना राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में जुटे पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्य तीन तलाक पर बनाए जा रहे कानून को लेकर बंद कमरे में चर्चा कर रहे हैं। बैठक में हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन औवैसी भी पहुंचे हैं।
सूत्रों ने बताया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने सरकार द्वारा तीन तलाक कानून पर पेश किए गए ड्राफ्ट के बिंदुओं को बोर्ड के सामने रखा है, जिस पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
गौरतलब है कि तीन तलाक पर केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित कानून में सजा के प्रावधान को लेकर पर्सनल लॉ बोर्ड अब तक खामोश था। लेकिन, कोर्ट के फैसलों और केंद्र सरकार के सख्त रुख के बाद बोर्ड ने इस मुद्दे पर आकस्मिक बैठक बुलाई थी। बैठक में बाबरी मस्जिद और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
मालूम हो कि ट्रिपल तलाक को लेकर कई मौलाना सरकार के पक्ष में हैं तो कई इसका विरोध कर रहे हैं। सरकार पर अपनी मर्जी थोपने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, कुछ कहते हैं कि इस्लाम में तीन तलाक को गलत ही ठहराया गया है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सलन लॉ बोर्ड दोपहर तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीन तलाक कानून मामले में सरकार के ड्राफ्ट की खामियों का खुलासा करेगा और बोर्ड द्वारा किया गया निर्णायक फैसला सुनाएगा। इसके अलावा तीन तलाक पर बनाए जा रहे कानून में संशोधन की मांग करने के साथ अपना मशवरा भी देगा।