लखनऊ: नकली सीबीआई अधिकारी बनकर कवि नरेश सक्सेना को किया डिजिटल अरेस्ट
जालसाजों ने सीबीआई इंस्पेक्टर बनकर रविवार को वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना को छह घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। वे साइबर अपराधियों के जाल में फंस ही रहे थे कि परिजनों ने सतर्कता दिखाई, जिससे बच गए। शातिर कई घंटे तक उनसे शायरी और कविताएं सुनते रहे।
कवि नरेश सक्सेना परिवार के साथ गोमतीनगर के विशाल खंड में रहते हैं। उन्होंने बताया कि सात जुलाई को दोपहर करीब तीन बजे उनके व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई इंस्पेक्टर रोहन शर्मा बताते हुए पूछा कि क्या आपका आधार कार्ड खो गया है? नरेश सक्सेना ने इससे इन्कार किया। तब जालसाज बोला, किसी और ने आपके आधार का इस्तेमाल कर मुंबई के बैंक में खाता खोला है, जिससे करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है। थाने में आपके खिलाफ केस दर्ज हुआ है। अरेस्ट वारंट जारी हो चुका है। आप को डिजिटल अरेस्ट किया जाता है। इसके बाद दरवाजा भीतर से बंद करवा पैसे मांगे। शातिर कई घंटे तक कोशिश करते रहे, लेकिन नरेश ने पैसे ट्रांसफर नहीं किए। तब तक उनके परिजन पहुंच गए और कॉल को काट दिया।
साबित करो कि कवि हो
जालसाज ने आधार के वैरिफिकेशन के नाम पर सभी बैंक खातों, आय, निवेश जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर लीं। नरेश के मुताबिक जब जालसाज को यह पता चला कि वे कवि हैं तो उनसे इसका प्रमाण मांगा। बोले, शायरी और कविताएं सुनाओ। इस पर उन्होंने शायरी, कविताएं सुनाईं।
नेशनल सिक्योरिटी का दिया हवाला
जालसाज ने नेशनल सिक्योरिटी का हवाला देते हुए उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके रखा। काफी देर तक जब उन्होंने दरवाजा नहीं खोला तो घबराए परिजनों को डिजिस्ट अरेस्ट की आशंका हुई। उनके काफी देर तक खटखटाने पर नरेश ने दरवाजा खोला तो परिजनों ने कॉल तुरंत काटने के लिए कहा। इस पर शातिर बोला कि अगर कॉल काट दी तो जेल जाओगे। हालांकि, नरेश की बहू ने कॉल कट कर दी।
घटना को पोस्ट कर किया सावधान
कवि नरेश सक्सेना ने लोगों को जालसाजों से सचेत करने के लिए यह घटना सोशल मीडिया पर पोस्ट की। लिखा कि…. मित्रों इस समय जबकि कोई किसी की कविता पढ़ना या सुनना नहीं चाहता, उसने मेरी कविताएं घंटों सुनीं। बहुत तारीफ की। बताया कि मैं उसी की तरह कविता प्रेमी हूं। इस बीच मैंने बांसुरी भी सुनाई। आखिर में नरेश सक्सेना ने लिखा कि सभी लोग सतर्क रहें, जिससे साइबर ठगों के जाल में फंसने से बच सकें।