साल भर प्रजनन पर नजर… लेकिन दिल्ली नगर निगम की पकड़ से बाहर मच्छर, अभियान बेअसर

एमसीडी की साल भर मच्छरों की ब्रीडिंग पर नजर रहती है। दिल्ली सरकार भी मच्छरों के खिलाफ अभियान चलाती है। फिर भी मच्छरों का लार्वा कम नहीं हो रहा है। दिल्ली में हर साल मानसून के दौरान डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के केस कम नहीं हो रहे हैं। अगस्त व सितंबर के बीच बड़ी संख्या में इसके मामले आते हैं। इस बार अभी दिल्ली को डेंगू के मामलों से थोड़ी राहत है।
बीते साल के 9,266 मामलों की तुलना में इस साल मामलों की संख्या 374 है। एमसीडी ने मच्छरों के प्रजनन व जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए कई तरह से अभियान चलाती है। इसमें जलभराव वाले स्थलों की सफाई, कीटनाशकों का छिड़काव, चालान और जन जागरूकता अभियान शामिल हैं।
वह इन अभियानों के माध्यम से मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करने और लोगों को जलजनित बीमारियों के प्रति जागरूक करती है। वह अभियान के तहत विशेष कर उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करती है, जहां मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। इसके बावजूद मच्छरों का प्रजनन खत्म नहीं होता है।
स्वच्छता अभियान पर जोर
इसमें तहत कचरा उठाने, नालियों की सफाई और सार्वजनिक स्थलों पर जलभराव को नियंत्रित करने के उपाय किए जाते हैं। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में सफाई होती है, जहां मच्छरों के प्रजनन की आशंका ज्यादा रहती है। वहीं, जलभराव वाली जगहों की पहचान कर वहां छिड़काव भी किया जाता है। साथ में पानी निकासी के जरूरी इंतजाम भी किए जाते हैं।
इसके अलावा एमसीडी लोगों को जल जनित बीमारियों और उनके रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूक करने के लिए एक व्यापक जन जागरूकता अभियान शुरू करती है। इसके तहत पम्पलेट्स, पोस्टर और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को आवश्यक जानकारी दी जाती है। वहीं, विशेष प्रशिक्षण सत्र और गोष्ठी भी आयोजित की जाती है।
डेंगू हुआ सबसे अधिक घातक
जलजनित बीमारियों में मलेरिया के मामले अब बहुत सामने आ रहे है और वह घातक भी नहीं रहा है। कई वर्षों से डेंगू के मामले अत्यधिक सामने आ रहे हैं। हर साल डेंगू की चपेेट में कई हजार लोग बीमार ही नहीं होते है, बल्कि लोगों की मौत भी हो जाती है। इस कारण डेंगू के मामले बढ़ने पर लोग चिंतित हो जाते है।