लोकसभा चुनाव: मोदी के रोड शो में भरत मिलाप जैसा मेला

शाम 4.45 पर जब बीएचयू गेट से गोदौलिया और विश्वनाथ मंदिर तक के रास्ते भीड़ जुटना शुरु हुई तो तापमान 40 डिग्री से सिर्फ एक डिग्री कम था। काशी के लोग यूं तो चार कदम चलने के लिए टोटो और साइकिल रिक्शा कर लेते हैं लेकिन आज रोड शो के 8 किमी रास्ते पर पैदल चल रहे कुछ लाख कदमों वाली भीड़ का रैला था। यूं तो तारीखों में सोमवार था लेकिन काशी में आज भी इतवार ही था।

चटक भगवा कुर्ते में चटक भगवा रथ पर प्रधानमंत्री मोदी जब सवार हुए तो उनके दोनों ओर चटक भगवा टोपी पहने सिर ही सिर नजर आ रहे थे। भीड़ धक्के से आगे बढ़ रही थी। सड़क के बीचो बीच में रथ पर सवार थे पीएम मोदी और सीएम योगी। और दोनों तरफ किसी कढ़वा बनारसी साड़ी की बॉर्डर की तरह बुने हुए स्टैज। उन पर मौजूद अपनी-अपनी कलाओं और काबीलियत की नुमाइश करते बनारसी।

कुछ बटुक। कुछ समाज। खास कलाकार। संतूर-सितार-संगीत और शंख। गंगा आरती के एक्स्ट्रा लार्ज कई फ्लोर वाले दीपक। डमरू का नाद। बिरहा के बोल। बिस्मिल्ला वाली शहनाई। सोमा घोष के सुर। णमोकार मंत्र से लेकर स्वस्तिवाचन, कबीर के दोहे और गुरुबानी तक हरकुछ था महामना से महादेव के दरबार के रास्ते पर।

हूबहू अयोध्या के रामपथ सा नजर आ रहा था ये 8 किमी का रास्ता। काशी में पार्टी, समाज या उत्सव कोई भी हो हर-हर महादेव के नारों के बिना कुछ पूरा नहीं होता। कहते हैं जब एलिजाबेथ भी काशी आई थीं तो घाट पर हर हर महादेव के नारे लगे थे। लाजमी है भाजपा की ये पॉलिटिकल भीड़ भी इन नारों के हवाले से जोश भरने की कोशिश कर रही थी। हां एक बात जो 2014,2019 से लेकर 2014 तक के रोड शो में कॉमन थी वो थी जयश्री राम की पुकार। सारे वक्त जो कानों में गूंज रहे थे उन सुरों में राम, महादेव के अलावा कृष्ण और मथुरा भी था। और बाबा विश्वनाथ के प्रताप की कहानी सुनाते भजन में ज्ञानवापी भी।

रोड शो बनारस में सबसे घनी मुस्लिम आबादी वाले मदनपुरा पहुंचा तो सफेद टोपी पहने लोग इस्तेकबाल को खड़े थे। हमने पूछा – मुस्लिम मोदी का स्वागत करेंगे। तो अब्दुल वहिद अंसारी बोले – मोदी जी हमके घर देहलन, पखाना बनवइलन, राशन देत बालन , उनकर स्वागत न करब त अल्लाह न माफ करि।

रोड शो में भरत मिलाप जैसा मेला लगा था, नागनथैया सी भीड़ और देव दिवाली वाली सजावट थी। देव दिवाली पर जैसे घाट साजए जाते हैं वैसे ही पूरी सड़क दोनों तरफ छोटे-छोटे बल्ब वाली लड़ियों से रौशन थी। घनघोर भगवा बंदनवार, कमल और मोदी की तस्वीरों से दीवारें पाट दी गईं थीं। भीड़ से पटी सड़कें थीं। और 11 पाइंट में बंटे इस रोड शो के रास्ते पर जहां-जहां मोदी-योगी का रथ पहुंच रहा था वहां हाथ मोबाइल लिए उठ जाते थे। और आवाज पीछे लाउडस्पीकर पर बज रहे भजनों को कॉम्पीटिशन देने लगती थी। भीड़ तेज हवा के बीच चलनेवाली गंगा की ताबड़तोड़ लहरों की तरह झूमने लगती थी। और आंखें अंधेरे में चमकने लगती थीं।

जैसे ही रथ आया गोदौलिया पर खड़ी साढ़े तीन फीट की एक नन्ही बच्ची उछलकर हाथ हिलाने लगी। रथ आगे बढ़ गया तो बड़ा इतराकर पास खड़ी अपनी मां से बोली – मोदी जी ने मेरा हाथ भी देखा था। मां मुस्कुराई फिर कहने लगीं – उका नजर बहुत तेज है, वो सबका देख ली। और फिर रथ मंदिर की ओर बढ़ गया और भीड़ अपने घरों को चलने लगी।

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