लॉक डाउन के बीच किसानों को राजस्थान सरकार 700 करोड़ की राहत देने की तैयारी कर रही
पहले मौसम की मार और फिर लॉकडाउन के कारण परेशान किसानों को राजस्थान सरकार राहत देने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत क्लेम से वंचित रहे किसानों को राज्य सरकार राहत देगी।
इसके लिए बीमा प्रीमियम की करीब 700 करोड़ की राज्यांश की राशि का बीमा कम्पनियों को इस माह के अंत तक भुगतान किया जाएगा।
यह राशि भुगतान किए जाने के बाद किसानों को बीमा क्लेम मिल सकेगा। पिछले दिनों में राज्य सरकार ने करीब डेढ़ हजार करोड़ का प्रीमियम भरा था। लेकिन 700 करोड़ रुपये बाकी रह गया था, जो अब भरा जाएगा।
दरअसल,प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को प्रीमियम का बहुत छोटा हिस्सा स्वयं चुकाना पड़ता है, जबकि प्रीमियम की शेष राशि केंद्र और राज्य सरकार बराबर हिस्से में वहन करती है।
राज्य सरकार द्वारा प्रीमियम जमा करवाने के बाद केंद्र सरकार अपने हिस्से का प्रीमियम जमा करवाती है। उसके बाद किसानों को क्लेम का भुगतान होता है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2019-20 के बजट में 1000 करोड़ की राशि से कृषक कल्याण कोष बनाने की घोषणा की थी।
अब इसी कोष में उपलब्ध राशि से राज्य सरकार अपने हिस्से का प्रीमियम भर रही है। प्रीमियम का पैसा भरा जाने से यह कोष खाली हो गया है।
इस कोष में रकम जमा करने के लिए सरकार ने पिछले दिनों कृषि जिंसों पर 2 प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क लगाया गया थे, जिसका मंडी व्यापारियों ने विरोध किया है।
उधर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए प्रदेश की 592 ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के संचालन में लगे कर्मचारियों को 10 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
इससे कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि महामारी के बीच कर्मचारियों जिस तरह काम किया उसको देखते हुए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।