पंजाब के स्कूल में छुट्टियां बढ़ने के ऐलान

पंजाब सरकार द्वारा 7 जनवरी तक स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाने के निर्णय ने जहां राज्य के निजी और सरकारी स्कूलों के शैक्षणिक कार्यक्रम को गहराई से प्रभावित कर दिया है, वहीं स्कूल प्रिंसीपलों के लिए यह फैसला सिरदर्दी बन गया है। हालांकि सरकार ने सर्दी के बढ़ते प्रकोप के कारण यह कदम उठाया है लेकिन यह निर्णय स्कूल प्रबंधन, प्रिंसीपल्स और शिक्षकों के लिए नई चुनौतियां लेकर आया है। निजी स्कूलों ने पहले से ही जनवरी के पहले सप्ताह में अपने शैक्षणिक सत्र की शुरुआत और प्री-बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन करना तय किया था। अधिकांश स्कूल 1 जनवरी से खुलने वाले थे जबकि कुछ ने 3 और कइयों ने 6 जनवरी को छात्रों को बुलाने की योजना बनाई थी। अब सरकार के इस निर्णय के कारण स्कूलों को अपने पूरे कार्यक्रम में बदलाव करना होगा जो छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए कठिनाई पैदा कर सकता है।

छात्रों की सुरक्षा बनाम शैक्षणिक दबाव
सरकार का यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया, क्योंकि सर्दी के कारण छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता था लेकिन इस अचानक निर्णय ने स्कूल प्रबंधन को असमंजस में डाल दिया है। परिणति ने इस फैसले का स्वागत किया है, क्योंकि इससे ठंड में बच्चों को स्कूल आने से राहत मिलेगी लेकिन प्रिंसीपल्स के लिए यह निर्णय तनाव का कारण बन गया है। उनका कहना है कि फरवरी में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्री-बोर्ड परीक्षाओं की करवाने के लिए उनके पास पहले ही कम समय था। अब, इस नई परिस्थिति में तारीखों को फिर से तय करना होगा जिससे छात्रों के प्रदर्शन पर भी असर पड़ सकता है।

सरकार के इस फैसले को लेकर स्कूल प्रबंधन में दो राय हैं। कई स्कूल इस निर्णय का पालन करने के लिए तैयार हैं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं कुछ स्कूल प्रबंधन इसे अनदेखा करने और पहले से तय तारीखों पर स्कूल खोलने की योजना बना रहे हैं जिसके लिए कई तो डी.सी. से मिलने के योजना बना रहे हैं। वहीं स्कूलों की एक एसोसिएशन ने भी शिक्षा मंत्री को सर्दी की छुट्टियां न बढ़ाने संबंधी कह दिया है।

प्री-बोर्ड परीक्षाओं पर असर
फरवरी में शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्री-बोर्ड परीक्षाएं छात्रों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। कई स्कूलों ने इसकी डेटशीट तैयार कर ली थी और परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। अब इन परीक्षाओं को स्थगित करना पड़ेगा जिससे न केवल स्कूल का शैक्षणिक कार्यक्रम प्रभावित होगा, बल्कि छात्रों की तैयारियों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। वहीं दूसरी ओर पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को ‘अपार आईडी’ जैसे महत्वपूर्ण कार्य तय सीमा में पूरा करने का निर्देश दिया था। अचानक छुट्टियां बढ़ने के कारण यह कार्य अधूरा रह गया है।

अभिभावकों की चिंता
अभिभावकों में भी इस निर्णय को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया है। जहां कुछ अभिभावक बच्चों की सुरक्षा के पक्ष में हैं, वहीं कुछ का मानना है कि लगातार पढ़ाई बाधित होने से बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सरकार का यह निर्णय सर्दी के मौसम में छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है लेकिन शिक्षकों और प्रिंसीपल्स का मानना है कि यदि इस निर्णय को लागू करने के साथ-साथ प्रशासनिक कार्यों के लिए कुछ रियायत दी जाती, तो यह अधिक प्रभावी होता।

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