BSE में लिस्ट हुआ 200 करोड़ का लखनऊ नगर निगम बॉन्ड, सीएम योगी ने घंटी बजाकर की लिस्टिंग
लखनऊ। यूपी में विकास का नया इतिहास लिखने के लिए सीएम योगी ने पहल कर दी है। इसकी शुरुआत मुंबई से की जा रही है। बता दें कि सीएम योगी व प्रमुख उद्योगपतियों की मौजूदगी में आज लखनऊ नगर निगम (एलएमसी) के 200 करोड़ के बॉन्ड की बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग कर दी गई। मुंबई स्थित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के कार्यालय में सीएम योगी आदित्यनाथ ने घंटी बजाकर इसकी लिस्टिंग की। लखनऊ नगर निगम का बॉन्ड 200 करोड़ रुपये का है। लखनऊ नगर निगम बॉन्ड जारी करने वाला उत्तर भारत का पहला नगर निगम बन गया है।
आत्मनिर्भर लक्ष्य की ओर बढ़ेगा यूपी
बॉन्ड की लिस्टिंग के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के समय में, लखनऊ नगर निगम 200 करोड़ रुपये के नगरपालिका बॉन्ड की लिस्टिंग के साथ ‘आत्मनिर्भर’ लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। निगम अपने अधिकार क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
देश-विदेश की 52 कंपनियों ने प्रदेश में 45 हजार करोड़ का करेंगी निवेश
वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि कोरोना काल में यूपी की इंवेस्टर्स फ्रेंडली नीतियों से देश-विदेश की 52 कंपनियों ने प्रदेश में 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश करने में रुचि दिखाई। सीएम योगी का मुंबई दौरा भी प्रदेश को ‘उद्यम प्रदेश’ बनाने के प्रयासों का एक हिस्सा है।
म्यूनिसिपल बॉन्ड से सीधे शहरवासियों को होग फायदा
लखनऊ नगर आयुक्त अजय द्विवेदी का कहना है कि म्यूनिसिपल बॉन्ड का फायदा सीधे शहरवासियों को मिलेगा। प्रदेश सरकार, लखनऊ नगर निगम की उपलब्धि का अनुकरण करने के लिए राज्य के अन्य स्थानीय निकायों को भी प्रोत्साहित करने की तैयारी में है। बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई धनराशि को राज्य की राजधानी में विभिन्न बुनियादी ढांचागत योजनाओं में निवेश किया जाएगा।
औद्योगिक घरानों से यूपी में निवेश को लेकर होगी चर्चा
इससे पहले बताया गया कि योगी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 200 करोड़ रुपये के लखनऊ नगर पालिका बॉन्ड का शुभारंभ करने के साथ ही औद्योगिक घरानों से उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर चर्चा करेंगे। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया दो दिसंबर को मुख्यमंत्री की ओर से बीएसई में लखनऊ नगर निगम का बॉन्ड लॉन्च करने के साथ ही नगर विकास विभाग में एक बड़े बदलाव की शुरुआत हो जाएगी।
कोरोना काल में उ.प्र.की इन्वेस्टर्स फ्रेंडली नीतियों से देश-विदेश की 52 कंपनियों ने प्रदेश में ₹45 हजार करोड़ के निवेश करने में रुचि दिखाई।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी का यह मुंबई दौरा भी प्रदेश को 'उद्यम प्रदेश' बनाने के प्रयासों का एक हिस्सा है।#YogiJiInMumbai— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) December 2, 2020
कई शहरो में जारी होंगे बॉन्ड
जिस तरह लखनऊ नगर निगम के बॉन्ड को रेटिंग मिली है, उसको देखते हुए गाजियाबाद, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर और आगरा नगर निगमों के भी बॉन्ड जारी किए जाएंगे। आगामी तीन महीने में गाजियाबाद नगर निगम का बॉन्ड जारी कर दिया जाएगा। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री की मौजूदगी में देश के जाने-माने उद्यमियों से मुंबई में चर्चा भी होगी।
निवेशकों को 8.5 फीसदी का दिया जाएगा वार्षिक ब्याज
मिली जानकारी के अनुसार, लखनऊ नगर निगम के बॉन्ड पर निवेशकों को 8.5 फीसदी का वार्षिक ब्याज दिया जाएगा। बॉन्ड की परिपक्वता अवधि 10 साल है। बॉन्ड की लिस्टिंग के बाद देश के साथ-साथ दुनियाभर से निवेश के अवसर खुलेंगे। वित्तीय एजेंसियों की तरफ से बॉन्ड को अच्छी रेटिंग दी गई है। देश के तमाम इलाकों में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। इससे सरकार के समक्ष बुनियादी ढांचा विकास के लिए पैसे जुटाने की जरूरत होती है। ऐसे में म्युनिसिपल बॉन्ड के जरिए सस्ती दर पर कर्ज जुटाया जाता है।
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बॉन्ड क्या होता है
बॉन्ड एक तरह का साख पात्र होता है, जिसके माध्यम से विभिन्न स्रोतों से धन जुटाया जाता है। बॉन्ड जारी करने वाली संस्था एक निश्चित अवधि के लिए पैसे को उधार लेती है और निश्चित रिटर्न यानी ब्याज देने के साथ मूलधन वापस करने की गारंटी देती है। यह निवेशकों के लिए निश्चित आय का एक साधन होता है। यह कर्ज लेने और देने वाले के बीच का एक समझौता होता है। अगर निवेशक के नजरिए से देखा जाए तो बॉन्ड को बहुत सुरक्षित माना जाता है। खासकर सरकारी बॉन्ड बहुत सुरक्षित है। कारण यह है कि इसमें सरकार की गारंटी होती है।
म्युनिसिपल बॉन्ड क्या होता है
म्युनिसिपल या नगर निगम बॉन्ड शहरी स्थानीय निकायों द्वारा जारी किए जाते हैं। जब नगर निगम को अपने प्रोजेक्ट करने, सड़क या स्कूल बनाने या सरकारी कामों के लिए पैसे की जरूरत होती है तो ऐसी स्थिति में वह भी बॉन्ड जारी कर सकती है। इस तरह के बॉन्ड को म्युनिसिपल बॉन्ड कहते हैं। यह भी काफी सुरक्षित होते हैं और इन पर भी ब्याज दर अच्छी मिल जाती है। इसके माध्यम से नगर निगम पैसा जुटाता है और उसे शहर के बुनियादी ढांचा विकास कार्यों पर लगाता है।