काशी गंगा की तरह जम्मू में रघुनाथ जी की महाआरती का हुआ शुभारंभ, शहरवासियों का उमड़ा सैलाब
ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर एक बार इतिहास का गवाह बना। काशी गंगा की तरह जम्मू में श्री रघुनाथ जी की जम्मू महाआरती का शुभारंभ हुआ। जिसे देखने के लिए शहरवासियों का सैलाब उमड़ा। रघुनाथ मंदिर के इर्द गिर्द बनी दुकानों और होटलों के ऊपर चढ़े लोग इसे देखते नजर आए। मकर संक्रांति के अवसर पर शुरू हुई आरती की दिव्यता और भव्यता देख हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया।
पिछले 6 महीने से जम्मू पर्यटन विकास संघ इसकी तैयारी कर रहा था।आरती ज्योत पूजन के साथ शुरू हुई। इसके बाद इसका श्रीगणेश किया गया। पांच चरणों में हुई आरती में पहली आरती में धूप, दूसरी अगरबत्ती, तीसरी नाग आरती, चौथी बड़ी आरती और पांचवीं मोरपंख एवं फूलों से महाआरती की गई। सात पुरोहितों द्वारा हर एक आरती शुरू करने पर माहौल भक्तिमय हो गया। इसमें 51 ज्योतियां एक साथ जलीं।
आरती शाम 6 बजे से शुरू होकर 7 बजे खत्म हुई। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। रघुनाथ मंदिर और रघुनाथ बाजार घूमने आए पर्यटकों ने इसमें हिस्सा लिया और इसका लुत्फ उठाया।
उम्मीद से ज्यादा दिखा उत्साहपर्यटन विकास संघ और रघुनाथ बाजार एसोसिएशन समेत 19 संगठनों ने इसके लिए कारीडोर तैयार किया है। पर्यटन विकास संघ के प्रधान राजेश गुप्ता का कहना है कि आरती देखने हजारों लोग उमड़े। यह उम्म्मीद ये अधिक है।
बताया कि हर महीने के पहले मंगलवार को रघुनाथ मंदिर के बाहर ये आरती स्थायी रूप से होगी। इसके बाद इसे रोजाना करने की योजना है। आरती शहर के अन्य मंदिरों में ही शुरू होगी। प्रयास किया है कि जम्मू में आने वाले पर्यटक इससे जुड़ें। इसलिए कई संगठनों ने मिलकर काम किया है।
सब खामौश, सिर्फ मंत्रों का शोर
आरती में शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। डीआईजी जम्मू शिव कुमार, विधायक अरविंद गुप्ता, युद्धवीर सेठी, एडीसी जम्मू, आरती संयोजक बलदेव खुल्लर समेत कई लोग पहुंचे। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। करीब 40 मिनट तक हुई आरती में एक मिनट भी किसी का शोर सुनाई नहीं दिया, सिर्फ मंत्र ही सुनाई दिए। ठंड के बावजूद लोगों ने खड़े होकर आरती में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।