आईए जानें बीबीसी तथा विकिमीडिया फाउंडेशन ने दिल्ली की अदालत में क्या कुछ कहा…

बीबीसी तथा विकिमीडिया फाउंडेशन ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक नेता की ओर से दाखिल आपराधिक शिकायत पर सुनवाई करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। आपराधिक शिकायत में 2002 के गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री को जारी करने पर रोक लगाने तथा आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद की छवि खराब करने वाली किसी भी सामग्री को प्रकाशित करने से उन्हें रोकने का अनुरोध किया गया है।

अदालत ने बीबीसी, विकिमीडिया और इंटरनेट आर्काइव को आपराधिक शिकायत पर 3 मई को समन जारी किए थे। शिकायतकर्ता विनय कुमार सिंह के अनुसार, दो हिस्सों वाले बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” ने भाजपा, आरएसएस तथा विहिप जैसे संगठनों की छवि खराब की है।

न्यायाधीश ने कहा कि जब बीबीसी के वकील ने अदालत को बताया कि उन्हें सम्मन की प्रतियां नहीं मिलीं, तो शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि प्रति अदालत में ही आपूर्ति की जा सकती है।

अदालत ने कहा, “… जिसे प्रतिवादी नंबर 1 के वकील ने यह कहते हुए स्वीकार नहीं किया कि हेग कन्वेंशन के मद्देनजर यह उसके अधिकारों के प्रतिकूल होगा। उसे इस बिंदु पर बहस करने के लिए समय चाहिए।”

अदालत ने कहा, “इसके अलावा, प्रतियां प्रतिवादी संख्या 2 को आपूर्ति की जाती हैं, लेकिन यह वकील द्वारा प्रस्तुत किया गया है कि यह भी हेग कन्वेंशन के अनुसार कानून के अनुसार नहीं है।”

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