चलिए जानते हैं की विटामिन-डी की कमी से बीमारी और इसके लक्षण..

सेहतमंद रहने के लिए शरीर में सभी जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति होना बेहद जरूरी है। विटामिन-डी ऐसी ही एक पोषक तत्व है जिसकी कमी से रिकेट्स जैसी बीमारी हो सकती है। जानते हैं क्या है यह बीमारी और इसके लक्षण

 शरीर के संपूर्ण विकास के लिए पोषक तत्व बेहद जरूरी होते हैं। अलग-अलग तरह के विटामिन्स और मिनरल्स हमारी सेहत के लिए काफी अहम होते हैं। शरीर में किसी भी विटामिन की कमी गंभीर समस्या का कारण बन सकती है। विटामिन-डी ऐसा ही एक जरूरी पोषक तत्व, जो शरीर के बेहतर विकास में अहम भूमिका निभाता है। शरीर में विटामिन-डी की कमी से कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। रिकेट्स ऐसी ही एक गंभीर समस्या है, जो शरीर में विटामिन-डी कमी से होती है। आमतौर यह समस्या बच्चों में देखने मिलती है। तो चलिए जानते हैं क्या है यह बीमारी और इसके लक्षण-

रिकेट्स क्या है?

रिकेट्स एक ऐसी स्थिति है, जिसमें विटामिन-डी की कमी के कारण हड्डियां नरम और कमजोर हो जाती हैं। मजबूत हड्डियों के लिए आवश्यक कैल्शियम और फास्फोरस के एब्जॉर्प्शन के लिए विटामिन-डी जरूरी होता है। रिकेट्स बच्चों में सबसे आम है, लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकता है। आप इन लक्षणों से रिकेट्स की पहचान कर सकते हैं-

  • हड्डी में दर्द
  • मांसपेशियों में कमजोरी
  • जोड़ों में सूजन
  • बॉलगेज या नॉक-नी
  • बढ़ा हुआ सिर
  • रीढ़ और पसलियों के फ्रैक्चर और विकृति

रिकेट्स से बचाव

रिकेट्स से बचाव के लिए बेहद जरूरी है कि आप शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन-डी पूर्ति करें। इसके लिए आप भोजन और पूरक आहार का मदद ले सकते हैं। साथ ही धूप की मदद से भी आपके शरीर में विटामिन-डी की कमी को दूर कर सकते हैं। धूप विटामिन-डी का बढ़िया सोर्स माना जाता है।

रिकेट्स से बचाव के लिए निम्न उपायों को भी अपना सकते हैं-

  • धूप में समय जरूर बिताएं। सूरज की रोशनी शरीर में विटामिन-डी के उत्पादन में मदद करती है। हालांकि, इसकी किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें।
  • अपनी डाइट में ऐसे फूड आइटम्स जरूर शामिल करें, जो विटामिन-डी से भरपूर हों। विटामिन-डी की पूर्ति के लिए आप फैटी फिश, अंडे की जर्दी और फोर्टिफाइड दूध डाइट में जोड़ सकते हैं।
  • विटामिन-डी सप्लीमेंट लें। अगर आपको खाने या धूप से पर्याप्त विटामिन-डी नहीं मिल रहा है, तो आपको पूरक आहार लेने की जरूरत पड़ सकती है।
  • अगर आपको खुद में या अपने बच्चे में रिकेट्स के लक्षण नजर आए, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें। सही समय पर इसकी पहचान कर इलाज मिलने से गंभीर होने से रोका जा सकता है।

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