आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के बारे में विस्तार से-

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत ही अधिक महत्व दिया गया है। इस बार वैशाख मास का अंतिम प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाएगा। माना जाता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के बारे में विस्तार से।

इस दिन है प्रदोष व्रत 
इस बार लोग प्रदोष व्रत 3 मई, 2023 यानी बुधवार के दिन रखेंगे। चुकी बुधवार के दिन प्रदोष व्रत है इसलिए इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। बता दें कि त्रयोदशी का आरंभ 2 मई के रात में 11 बजकर 17 मिनट से शुरू होगा और दिन 3 मई तक रहेगा। इसलिए 3 मई को उदया तिथि में त्रयोदशी व्रत रखा जाएगा।

कैसे मनाएं प्रदोष व्रत
इस दिन लोगों को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए। जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। अगर आप चाहें तो फलाहार कर सकते हैं। इस दिन अपने मन में नकारात्मक विचार न आने दें। साथ ही इस दिन व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ध्यान रखें, शाम के समय भगवान शिव की उपासना करने से पहले स्नान जरूर कर लें। 

प्रदोष व्रत का महत्व
इस बार प्रदोष व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम में 6 बजकर 57 मिनट से लेकर 9 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। कहा जाता है कि बुधवार का दिन प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को बुध ग्रह से संबंधित दोष समाप्त हो जाते हैं।

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