जानिए क्यों अकबर ने जीवन भर नहीं की अपनी बेटियों की शादी

अकबर एक अहंकारी , क्रूर और हिंदू विरोधी शासक था , उसका हिंदू विरोध और क्रूरता काफ़ी बातों से सिद्ध होती है , उसके जीवन के कुछ पहलू हम आपको बताते हैं ।

जानिए क्यों अकबर ने जीवन भर नहीं की अपनी बेटियों की शादीअकबर ने अपनी बेटियों का विवाह नहीं किया क्यूँकि

जीवनभर बेटियों को रखा कुंवारी

एक लड़की के बाप को कहीं बेटी की शादी में सिर झुकाना ना पड़ जाए, इसलिए अकबर ने अपनी 3 बेटियों की कभी भी शादी नहीं की , यही नहीं उसकी इसी नीति को जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब ने भी अपनाया था । देख लो कितना अहंकार भरा था इन लोगों में और चाटुकार लोगों से लिखवा लिखवा कर इतिहास में यही अकबर , महान का दर्जा पा गया ।

हिजड़े यानी किन्नर करते थे पत्नियों की सुरक्षा

अकबर बेहद अय्याश आदमी था और उसकी पत्नियों के हरम में किसी भी पुरूष की एंट्री नहीं थी क्यूँकि अकबर अपनी पत्नियों पर बिलकुल यक़ीं नहीं करता था, उसको डर था अगर हरम में पुरुष आएँगे तो उसकी पत्नियाँ उनसे अवैध सम्बंध बना लेंगी इसलिए वहाँ की सिक्‍युरिटी की जिम्‍मेदारी किन्‍नरों के पास थी।

अकबर की हड्डियों का किया खोदकर किया था दाह संस्‍कार

बता दें कि अकबर का राज ख़त्म होने के बाद यानी उसकी मृत्यु के बाद अकबर की हिंदू विरोधी नीति से बहुत ही अधिक नाराज हिंदू राजा राजाराम ने अकबर का कब्र को खुदवा दिया था और उसकी हड्डियां निकलवाई थी तथा उनका हिंदू रीति-रिवाज से दाह संस्‍कार कराया था । ग़ौरतलब है कि किताब तवरीख-ए-आगरा में इस घटना का जिक्र है।

हत्यारा और बेहद कट्टरपंथी मुस्लिम था अकबर

अकबर के बारे में लिखा गया है

“बैरम खाँ ने निहत्थे और बुरी तरह घायल हिन्दू राजा हेमू के हाथ पैर बाँध दिये और उसे नौजवान शहजादे के पास ले गया और बोला, आप अपने पवित्र हाथों से इस काफिर का कत्ल कर दें और”गाज़ी”की उपाधि कुबूल करें, और शहजादे ने उसका सिर उसके अपवित्र धड़ से अलग कर दिया।” (नवम्बर, ५ AD १५५६)
(तारीख-ई-अफगान,अहमद यादगार,अनुवाद एलियट और डाउसन, खण्ड VI, पृष्ठ ६५-६६)

इस तरह अकबर ने 14 साल की आयु में ही गाज़ी (काफिरों का कातिल) होने का सम्मान पाया। इसके बाद हिंदू राजा हेमू के कटे सिर को काबुल भिजवा दिया और धड़ को दिल्ली के दरवाजे पर टांग दिया।

अपने सबसे अच्छे अंगरक्षक को मारा

उसका सबसे अच्छा अंगरक्षक और सेनानी बैरम खान था जो अकबर के पिता की उमर का था और उसका निजी संरक्षक था अकबर ने उसकी भी हत्या की तथा उसकी पत्नी अर्थात अपनी माता के समान स्त्री से शादी की । कुछ लोग बैरम खान को अकबर का गुरु भी कहते हैं यानी इस आदमी ने अपने गुरु को मारकर उसकी पत्नी से हवस मिटाई

देखें ये विडियो रिपोर्ट

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