जानें नीतीश कुमार ने नए साल के मौके पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ संवाद क्या कुछ कहा…

लोकसभा चुनाव में करीब 15 महीनों का वक्त बचा है। इसके एक साल बाद यानी 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव भी हैं। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी जमीन मजबूत करने में जुट गए हैं। उन्होंने मुस्लिम वोटर्स को साधने के लिए कमर कस ली है। इस कड़ी में नीतीश कुमार ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ हाल ही में एक बैठक की। यह बैठक बंद दरवाजे में हुई, मगर इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम तेजी से अपने पैर पसार रही है। ऐसे में जेडीयू और आरजेडी समेत महागठबंधन के अन्य दलों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए साल के मौके पर सोमवार को पटना स्थित अपने आवास पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ संवाद किया। बताया जा रहा है कि यह बैठक करीब ढाई घंटे तक चली। इस बैठक में सीएम नीतीश ने मुस्लिम समाज के लोगों से बीजेपी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से सतर्क रहने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ये पार्टियां लोगों को बरगलाकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम कर रही हैं। अल्पसंख्यक समाज को एकजुट होना होगा। नीतीश ने कहा कि मुस्लिमों को राजनीतिक रूप से कहीं और बंटने की जरूरत नहीं है। यानी कि उनका इशारा साफ था कि मुस्लिम आगामी चुनावों में भी महागठबंधन को छोड़कर कहीं और वोट न दें।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के संग बैठक में असदुद्दीन ओवैसी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ओवैसी बीजेपी के इशारे पर काम करते हैं। वह बीजेपी की बी टीम हैं। ये लोग देश की पहचान मिटाने में लगे हैं। ये भड़काऊ भाषा बोलकर तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

सीमांचल में होगा भारी घमासान 

आगामी लोकसभा चुनाव में जेडीयू महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में आरजेडी, कांग्रेस, वाम दल समेत अन्य दल नीतीश कुमार की पार्टी के साथ रहेंगे। दूसरी ओर, बीजेपी के लिए पूरा बिहार खुला मैदान बन गया है। भगवा पार्टी मुस्लिम बाहुल्य इलाके सीमांचल में भी अपनी पैठ जमाने में जुटी है। पिछले चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी सीमांचल में अपनी उपस्थिति दर्ज कर चुकी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 में सीमांचल की लोकसभा सीटों पर मुस्लिम वोटों का बिखराव होने की पूरी संभावना है। इससे महागठबंधन के खेमे में चिंता बढ़ गई है। ऐसे में 2024 और 2025 के चुनावों में सीमांचल मेंं भारी राजनीतिक घमासान होने के आसार नजर आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के अन्य नेता असदुद्दीन ओवैसी फैक्टर की काट ढूंढ़ने में लगे हैं। सीएम नीतीश की मुस्लिम बुद्धिजीवियों संग गुप्त बैठक के मायने भी इसी ओर निकाले जा रहे हैं। गोपालगंज सीट पर पिछले साल हुए उपचुनाव में भी ओवैसी की पार्टी ने 11 हजार वोट काटकर आरजेडी का खेल खराब कर दिया था और गठबंधन की हार हुई थी। एक बात तो तय है कि आगामी चुनावों में मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर AIMIM महागठबंधन का गेम जरूर बिगाड़ेगी।

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