जानें धार्मिक अनुष्ठान में अग्नि पूजा का महत्व और किन  लकड़ियों से करें हवन..

यदि आप ग्रहों की शांति या सुख समृद्धि के लिए हवन करने जा रहे हैं, तो उसके लिए अग्नि की पूजा अनिवार्य है। कहा जा सकता है कि गणेश की तरह ही अग्नि भी प्रथम पूज्य है। अग्नि को सर्वाधिक पवित्र माना गया है। इसमें आहुति डालकर मनुष्य के सारे पाप, कष्ट और दुख भस्म हो जाते हैं। कुछ विशिष्ट आहुतियां आपकी अनेक समस्याओं का अंत कर सकती हैं। पंडित रामजी बाजपेई से जाने, किस कार्य के लिए कितनी आहुति और किस प्रकार की अग्नि लाभप्रद होती है।

आम की लकड़ी पर आहुति

यदि प्रातः काल आम की लकड़ी में अग्नि प्रज्वलित करके, हवन सामग्री में बराबर मात्रा में गूग्गल मिलाया जाए। इसके बाद इस सामग्री की 27 आहुतियां अग्नि में दें, तो घर में सुख शांति बनी रहेगी। यह कार्य सप्ताह में एक बार अवश्य करें। इसी प्रकार यदि प्रातः काल आम की लकड़ी पर अग्नि जलाने के बाद, घी में डूबी दूब 108 बार अर्पित करें। इससे दुर्घटना या आने वाली बाधा टल जाएगी। याद रखें यह कार्य पंडित के आपको दुर्घटना या बाधा योग बताने पर ही करें।

शमी की लकड़ी पर

शनिवार के दिन सायंकाल शमी की लकड़ी प्रज्वलित करें। इसमें काले तिल से 19 बार आहुति दें। यह आहुति प्रत्येक शनिवार की शाम को दें। अगर नौकरी नहीं मिल रही थी तो इस कार्य के बाद शीघ्र अति शीघ्र मिल जाएगी।

पीपल की लकड़ी पर

बृहस्पतिवार के दिन प्रातः काल पीपल की लकड़ी पर अग्नि प्रज्वलित करें। इसके बाद पीली सरसों से अपनी उम्र की गिनती से आहुति दें। तो आपका विवाह शीघ्र हो सकता है। याद रखें विवाह होने तक, यह कार्य प्रत्येक बृहस्पतिवार को करें और सरसों के दाने उतने ही ले जितनी आपकी उम्र है।

खैर की लकड़ी पर

यदि हवन सामग्री में बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर, शाम के समय खैर की लकड़ी पर अग्नि प्रज्वलित कर, 27 बार समर्पित करें, तो कर्ज से निश्चित मुक्ति मिलेगी। यह कार्य हर 15 दिन में एक बार करना चाहिए।

गूलर की लकड़ी पर

यदि सप्ताह में एक बार गूलर की लकड़ी पर अग्नि जलायें। इसके बाद चावल, चीनी और दूध की खीर बनाकर शाम के समय इस अग्नि में 27 बार समर्पित करें, तो आपको नियमित धन की प्राप्ति होगी।

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