भारत में लॉन्च हुई सर्वाइकल कैंसर पहली स्वदेशी वैक्सीन…

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने मंगलवार को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए पहली देश में निर्मित ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन ‘सर्वावैक’ लांच करने की घोषणा की। इस वैक्सीन को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूनावाला और सीरम इंस्टीट्यूट में सरकार व नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश के. सिंह की उपस्थिति में लांच किया गया।

सीरम इंस्टीट्यूट ने किया है निर्माण

अदार पूनावाला ने ट्वीट कर बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस और सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर इस वैक्सीन को लांच करने पर उन्हें प्रसन्नता हो रही है। ‘सर्वावैक’ बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ जैव प्रौद्योगिकी विभाग और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआइआरएसी) की साझेदारी का परिणाम है, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अपने साझेदारी कार्यक्रम ‘ग्रैंड चैलेंजेज इंडिया’ के माध्यम से क्वार्डीवैलेंट वैक्सीन के स्वदेशी विकास के लिए सहायता दी गई है।

तय समय से वैक्सीन लांच

पिछले वर्ष दिसंबर में कोविड वर्किंग ग्रुप, नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (एनटीएजीआइ) के चेयरमैन डा. एनके अरोड़ा ने उम्मीद जताई थी कि भारत को अप्रैल या मई, 2023 तक एचपीवी वैक्सीन मिल जाएगी और उसकी कीमत भी वर्तमान में उपलब्ध अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की वैक्सीन से 10 गुना कम होगी। उनका कहना था, ‘दो या तीन कंपनियां हैं जो (भारत में वैक्सीन बनाने की) प्रक्रिया में हैं, लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया को पहले ही नियामकों की स्वीकृति मिल गई है।’

देश में हर वर्ष करीब 80 हजार मामले

डा. अरोड़ा का कहना था कि भारत में हर वर्ष सर्वाइकल कैंसर के लगभग 80 हजार मामले सामने आते हैं। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि टीकाकरण के जरिये सर्वाइकल कैंसर से पूरी तरह बचाव हो सकता है। यह कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस की वजह से होता है और उपलब्ध वैक्सीन से इसकी रोकथाम की जा सकती है। डा. अरोड़ा का कहना था कि केंद्र सरकार अपने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नौ से 14 वर्ष की लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन लगाएगी।

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