लश्कर आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को मिली उम्रकैद की सज़ा

सोनीपत में साल 1996 में हुए दो बम धमाकों के आरोपी लश्कर के आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को ज़िला कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. सुशील गर्ग ने यह सज़ा सुनाई है.आतंकी अब्दुल करीम टुंडा

उल्लेखनीय है कि 28 दिसंबर, 1996 की शाम पहला धमाका बस स्टैंड के पास तराना सिनेमा पर हुआ था. वहीँ दूसरा दस मिनट बाद धमाका गीता भवन चौक स्थित गुलशन मिष्ठान भंडार के पास हुआ था. इस बम धमाके में करीब एक दर्जन लोग घायल हुए थे. दिल्ली पुलिस ने टुंडा को 2013 में नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था. दोषी टुंडा मूलतः दरियागंज दिल्ली का रहने वाला है.कई कारोबार कर चुका टुंडा का असली नाम अब्दुल करीम है. टुंडा को कस्बे में एक चूरन बेचने वाले से बम बनाने की प्रेरणा मिली थी.

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आपको जानकारी दे दें कि 1985 में अब्दुल करीम टुंडा राजस्थान के टोंक इलाके में एक मस्जिद में जिहाद के लिए बैठक कर रहा था. वह वहां मौजूद लोगों को पाइप गन चलाकर दिखा रहा था. तभी गन फट गई और उसका एक हाथ उड़ गया. इसके बाद से उसका नाम टुंडा पड़ गया. एक हाथ खोने के बाद भी उसका आतंक का सिलसिला जारी रखा

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